कोलकत्ता. पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास बीएसएफ के जवानों ने अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने का प्रयास करते एक बांग्लादेशी महिला व दलाल को हिरासत में लिया. मंगलवार को बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से जानकारी प्रदान की गई.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पकड़ा गया दलाल महिला को अवैध तरीके से सीमा पार कराकर बांग्लादेश लौटने में मदद कर रहा था. उत्तर 24 परगना जिले की दोबारपारा सीमा चौकी पर नियमित ड्यूटी के दौरान जवानों ने बॉर्डर रोड पर भारत से बांग्लादेश की तरफ एक मोटरसाइकिल को जाते देखा. शक होने पर जवानों ने मोटरसाइकिल को रोका और उनसे पहचान पत्र मांगा तो पुरुष ने स्वयं को भारतीय नागरिक बताया तथा महिला बांग्लादेश की नागरिक बताया. हालांकि दोनों कोई वैध पहचान पत्र दिखाने में असफल रहे. इसके बाद जवानों ने दोनों को हिरासत में ले लिया.
बांग्लादेश के शैलकुपा जिले की रहने वाली 50 वर्षीय महिला बिलकिस खातुन ने पूछताछ में बताया कि वह दो साल पहले वह अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत मे आई थी और मुंबई चली गई. वहां पर घरों मे काम करने लगी. उसकी दो लड़कियां तथा एक लड़का बांग्लादेश में है और वह उनसे मिलने के लिए वापस बांग्लादेश जा रही थी.
महिला के अनुसार, सीमा पार करवाने के लिए उसने मासा मंडल नामक दलाल से संपर्क किया और उसने इस कार्य के लिए 12,000 रुपये लिए थे. मासा मंडल ने महिला को प्रोसितजीत बचार नामक दलाल के हवाले कर दिया और वह मोटरसाइकिल पर उसे बिठाकर अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करवाने का प्रयास कर रहा था, तभी मार्ग में जवानों ने दोनों को पकड़ लिया.
गिरफ्तार दलाल प्रोसितजीत बचार (31) उत्तर 24 परगना जिले के बादुरिया थाना अंतर्गत अरसुल्ला गांव का रहने वाला है. इसके काम के लिए उसे 1,000 रुपये मिलता. उसने बताया कि वह इससे पहले भी कई बार बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध तरीके से बॉर्डर पार करवा चुका है. इधर, बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए बांग्लादेशी महिला व दलाल को गायघाटा पुलिस के हवाले कर दिया है.
इधर, बीएसएफ की 158वीं वाहिनी के कमांडिंग ऑफिसर सुरेन्द्र सिंह ने दोनों के पकड़े जाने पर खुशी व्यक्त की और अपने जवानों की पीठ थपथपाई. यह केवल उनके जवानों द्वारा ड्यूटी पर प्रदर्शित की गई सतर्कता के कारण ही संभव है.