दामोह, जबलपुर. गंगा जमना स्कूल में हिन्दू छात्राओं को भी स्कार्फ/हिजाब पहनाने के मामले में नई जानकारियां सामने आ रही हैं. वहीं, मामले को लेकर जांच भी तेजी से आगे बढ़ रही है. हिन्दू छात्राओं के हिजाब वाले पोस्टर सामने आने के बाद राज्य बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग की टीम जांच (शुक्रवार) के लिये दमोह पहुंची. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने स्कूल का पंजीयन पहले ही रद्द कर दिया है.
राज्य बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग की टीम ने छात्राओं के पंजीयन फॉर्म की जांच की, तो हर फॉर्म पर छात्रा का फोटो हिजाबनुमा स्कार्फ वाला मिला. शिक्षकों के लॉकर में उर्दू साहित्य भी मिला है, जो सिलेबस में शामिल नहीं था. ऐसी 5 किताबों को आयोग ने जब्त किया है. आयोग के सदस्य ओंकार सिंह और मेघा पवार ने बताया कि छात्राओं के बयानों के अनुसार गेट पर हिजाब पहनने पर ही स्कूल में एंट्री दी जाती थी.
दरअसल, दमोह जिले के गंगा जमना स्कूल ने 10वीं में अच्छे नंबरों से पास होने वाली 4 हिन्दू छात्राओं के फोटो हिजाब में अपने पोस्टर में लगाए थे. इसका अभिभावकों व हिन्दू संगठनों ने विरोध किया था. प्रशासन ने अपनी प्राथमिक जांच में स्कूल को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन बाल संरक्षण आयोग और संगठनों के विरोध के बाद दोबारा जांच के निर्देश कलेक्टर को दिए थे.
स्कूल में मिलीं खामियां
शिक्षा विभाग की जांच में खुलासा हुआ है कि मध्य प्रदेश माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 एवं मान्यता संशोधन नियम 2020 में वर्णित निर्धारित मापदण्ड का गंगा-जमुना विद्यालय में पालन नहीं किया जा रहा था. विद्यालय में पुस्तकालय की समुचित व्यवस्था नहीं है. भौतिक शास्त्र एवं रसायन शास्त्र की पृथक-पृथक प्रयोगशाला कक्षों में पुराना फर्नीचर एवं पुरानी सामग्री रखी है. यहां भौतिक एवं रसायन शास्त्र की समुचित प्रायोगिक सामग्री भी नहीं मिली. विद्यालय में दर्ज 1208 बालक एवं बालिकाओं के हिसाब से अलग-अलग शौचालयों तथा शुद्ध पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं थी.
विद्यार्थियों के बैठने के लिए पर्याप्त फर्नीचर उपलब्ध नहीं था. जांच के दौरान विद्यालय परिसर में खेल मैदान एवं खेल सामग्री की समुचित व्यवस्था नहीं मिली. विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के परिवहन हेतु वाहन रख-रखाव की व्यवस्था एवं गाईड लाइन का पालन नहीं होने का उल्लेख भी जांच रिपोर्ट में किया गया है.