नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, राष्ट्रीय विचारों का पोषण कर समाज जागरण का कार्य करने वाला संगठन है. संघ की स्थापना सन् 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी ने नागपुर में की थी. कार्यकर्ताओं की तपस्या व निःस्वार्थ सेवा का ही परिणाम है कि आज संघ को समाज का समर्थन भी मिल रहा है. देश में कोई बिरला व्यक्ति ही होगा, जो संघ के नाम से अपरिचित होगा.
पर, संघ विरोधी मानसिकता वाले कुछ लोग समय-समय पर समाज में भ्रम पैदा करने के लिए झूठे एवं असत्य दावे करते रहते हैं, संघ को लेकर अप-प्रचार भी किया जाता है. पिछले कुछ दिनों से एक पोस्ट वायरल हो रही है, आरएसएस ने इंडी गठबंधन का समर्थन किया. पिछले दिनों कुछ लोगों द्वारा स्वयं को ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ का पदाधिकारी बताते हुए प्रेस कॉंफ्रेंस कर यह बयान दिया गया और लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को समर्थन की घोषणा की. वीडियो एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ है. ये लोग संघ के नाम से नया संगठन खड़ा करने व पंजीकृत करवाने का प्रयास कर रहे हैं.
यही लोग कुछ वर्षों से अपनी संस्था को ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ नाम से ही पंजीकृत कराने का असफल एवं हास्यास्पद प्रयास कर रहे हैं. सफलता नहीं मिल रही, तो प्रसिद्धि के लिए ये ढोंग रचा. उनकी ओर से किये गए दावे झूठे व निराधार हैं. कारण, उन्हें रजिस्ट्रार विभाग से “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” नाम का पंजीकरण प्राप्त नहीं हुआ है. अब्दुल गफूर पाशा अपने को संस्था का कार्यकारी अध्यक्ष, और जनार्दन गुलाबराव मून स्वयं को संस्थापक अध्यक्ष बताता है.
कथित संस्था से संबंधित जनार्दन गुलाबराव मून ने वर्ष 2017 में संस्था को “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” के नाम से पंजीकृत करवाने का असफल प्रयास किया. जनार्दन मून के आवेदन को सहायक रजिस्ट्रार अधिकारी, नागपुर ने खारिज कर दिया. तब से यह व्यक्ति लगातार प्रयास कर रहा है. उक्त व्यक्ति द्वारा रजिस्ट्रार के निर्णय को बॉम्बे उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई. जनवरी 2019 में, उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने जनार्दन मून की याचिका को खारिज करते हुए रजिस्ट्रार के निर्णय पर मोहर लगाई. मून ने उच्च न्यायालय के निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी, लेकिन राहत नहीं मिली. सर्वोच्च न्यायालय में जनार्दन मून द्वारा दायर एसएलपी को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने 06 दिसंबर, 2019 को खारिज कर दिया और उनकी मंशा को लेकर कुछ मौखिक टिप्पणियां भी कीं.
जनार्दन मून नामक व्यक्ति एवं उसके साथियों द्वारा “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” के नाम पर किये जा रहे दुष्प्रचार एवं दावों में कोई सच्चाई नहीं है. और यह गिरोह समाज को भ्रमित करने का काम कर रहा है.