पाकिस्तान से भारत आए डॉक्टर्स की संस्था Migrant Pak Hindu Doctors Forum ने 03 जुलाई, 2023 को कर्णावती में आभार समारोह आयोजित किया. समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि आज का कार्यक्रम विशिष्ट और अविस्मरणीय है. आज गुरु पूर्णिमा है, जिसका विशेष महत्त्व है. अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले गुरु को नमन करने का दिन है. भारत तो समग्र विश्व को मार्गदर्शन देने वाला विश्वगुरु है, ऐसे विश्वगुरु की छत्रछाया में फिर से भारत का नागरिक बने लोगों के बीच उपस्थित रहकर आनंदित हूं.
1947 में भारत का विभाजन हुआ और जो लोग वहां रह गए और वहां पर प्रताड़ित हैं, उनके लिए भारत उनका ही घर है. वे लोग यहाँ आ सकते हैं. आप लोग भारत माता के पुत्र तो हैं ही, परन्तु अब क़ानूनी रूप से भारत के नागरिक हो. भारत माता जगत माता है. वह विश्व के सभी प्रताड़ित लोगों के लिए आश्रय स्थान है. यहाँ पारसी, यहूदी आदि आए हिन्दू समाज ने उन्हें स्वीकारा. इजराइल ने कुछ समय पूर्व विभिन्न देशों से इजराइल वापस लौटे नागरिकों के अनुभव प्रकाशित करने का निर्णय किया, तब विश्व भर के देशों से वापस आए यहूदियों ने बताया कि हम जिस जगह थे, वहां हमें प्रताड़ित किया गया. केवल भारत से वापस लौटे यहूदियों कहा – हमें किसी भी प्रकार से प्रताड़ित नहीं किया गया. यह समग्र वर्णन Indian Jews नामक पुस्तक में है. हमारे यहाँ वसुधैव कुटुंबकम कहा जाता है, यह मात्र बात नहीं अपितु जीवन का अंग है.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने यहाँ आकर भारत की नागरिकता प्राप्त की है, उन सब का अपने घर में स्वागत है. देश का विभाजन हुआ, वह भूल थी. वह भारत के इतिहास का एक काला पृष्ठ है.
सरकार्यवाह जी ने कहा कि CAA के विरुद्ध प्रचार हुआ, परन्तु हमें अवरोधों को दूर करने के लिए वातावरण निर्माण करना पड़ेगा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश के विभाजन के समय से ही इस विषय से अंतःकरण पूर्वक जुड़ा है. जो लोग विभाजन के समय भारत आए, उनके अनुभव चार वॉल्यूम में प्रकाशित हुए हैं. विभाजन के समय क्या हुआ, यह भूलना नहीं चाहिए और आने वाली पीढ़ी भी इस बात से अवगत होनी चाहिए. विभाजन के समय संघ के स्वयंसेवकों के लिए श्री गुरूजी का आदेश था कि जब तक एक भी हिन्दू वहां है, तब तक आप लोगों को वहीं रहना है. सैकड़ों स्वयंसेवक वहां हिन्दुओं के सहयोग के लिए रुके थे.
संघ के कार्यकर्ता प्रतिवर्ष 14 अगस्त को अखंड भारत का संकल्प लेते हैं. आप भारत के नागरिक बने हो, यह आनंद की बात है. अब आपको जो लोग कष्ट उठा रहे हैं उनकी सेवा करनी है. सेवा ही अपना धर्म है. हमारा कर्तव्य है कि जरूरतमंद लोगों की सहायता करें. साथ ही यदि पुनः अखंड भारत बनाना है तो आप पाकिस्तान में जिस गांव में रहते थे, उस गांव का स्मरण रहे, यह आवश्यक है.
इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल ने कहा कि विस्थापित डॉक्टर्स ने अंधकार से उजाले की ओर सफल यात्रा की है और अब भारत में भारत के नागरिक के रूप में स्थायी रूप से रहकर सेवा करने वाले हैं और अब आप सब पंजीकृत डॉक्टर्स गुजरात की स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान देने वाले हो, यह गौरव की बात है.