अयोध्या. ऐतिहासिक महत्व के किसी भी स्थल पर परिदृश्य और हरियाली लोगों के बीच उसकी सुंदरता, शांति और आकर्षण को बढ़ाने में काफी मदद करती है. अयोध्या में राम मंदिर के ऐतिहासिक स्थल की सुंदरता भी इसके परिसर में योजनाबद्ध और कार्यान्वित किए जा रहे परिदृश्य कार्यों से काफी बढ़ने की उम्मीद है.
जीएमआर समूह ने उत्कृष्टता और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ, अपनी सीएसआर शाखा, जीएमआर वर-लक्ष्मी फाउंडेशन के माध्यम से एक धर्मार्थ पहल के रूप में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र परिसर में हरियाली विकसित करने का कार्य किया है. सावधानीपूर्वक हरियाली और वृक्षारोपण गतिविधियों को इस तरह से किया जा रहा है, जिससे मंदिर परिसर के भीतर तीर्थयात्रियों के समग्र अनुभव में वृद्धि होगी.
किसी भी भूदृश्य डिज़ाइन का हृदय उसकी वनस्पतियों के सावधानीपूर्वक चयन में निहित है. इसमें मूल प्रजातियों को निर्बाध रूप से एकीकृत करने की योजना बनाई गई है.
रामायण में उल्लिखित प्रजातियों के साथ-साथ सरयू नदी के पारिस्थितिकी तंत्र की अन्य स्वदेशी प्रजातियों के साथ, रंगों, सुगंधों और बनावटों का एक सामंजस्यपूर्ण मिश्रण तैयार होता है जो क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता को गले लगाते हुए प्राचीन परंपराओं को श्रद्धांजलि देता है. मंदिर परिसर को सजाने के लिए 80 से अधिक वृक्ष प्रजातियों और 35 से अधिक झाड़ियों और फूलों की प्रजातियों को चुना गया है.
भव्य राम मंदिर परिसर अपनी खूबसूरती से नियोजित हरियाली के साथ हमेशा भारत की सांस्कृतिक समृद्धि, आध्यात्मिकता और वास्तुकला प्रतिभा का एक स्थायी प्रतीक रहेगा.