नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच भारत अपनी रक्षा ताकत को मजबूत करने में लगा है. शनिवार को शौर्य मिसाइल के नए संस्करण का सफल परीक्षण किया गया. परमाणु शक्ति संपन्न मिसाइल 800 किमी दूर तक दुश्मन को ढेर करेगी. सीमा पर तनाव के बीच भारत अपनी रक्षा ताकत को मजबूत कर रहा है. इसी के तहत विगत कई दिनों से विभिन्न प्रकार के तथा नए नए किस्म के मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण चल रहा है.
शनिवार की सुबह करीबन 12:10 पर अब्दुल कलाम द्वीप से एलसी4 से भारत ने शौर्य नामक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. यह नई मिसाइल हल्की है और आसानी से ऑपरेट की जा सकती है.
यह मिसाइल 800 किलोमीटर दूर तक किसी भी लक्ष्य को मार गिराने में पूरी तरह सक्षम है. जमीन से जमीन पर मार करने वाली यह मिसाइल काफी ताकतवर मानी जा रही है. यह मिसाइल पनडुब्बी से लांच किए जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का जमीनी रूप है. टू स्टेज राकेट वाली यह मिसाइल 40 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचने से पहले आवाज की 6 गुना रफ्तार से चलती है. उसके बाद यह टारगेट की ओर लगातार बढ़ती चली जाती है. यह मिसाइल सॉलि़ड फ्यूल से चलती है, लेकिन क्रूज मिसाइल की तरह खुद को टारगेट तक गाइड कर सकती है. मिसाइल की रफ्तार इतनी तेज है कि सीमा पर बैठे दुश्मन के रडार को इसे डिटेक्ट, ट्रैक करने और इंटरसेप्ट करने के लिए 400 सेकेंड से भी कम का वक्त मिलेगा. मिसाइल को कंपोजिट कैनस्टर में स्टोर किया जा सकता है यानि आसानी से छिपाकर ले जाया जा सकता है.
इसके परीक्षण के अवसर पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा अंतरिम परीक्षण परिषद आइटीआर से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों का दल उपस्थित था. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन रणनीतिक मिसाइलों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को पूरा करने की दिशा में काम कर रहा है और इस वर्ष के शुरू में रक्षा क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मानिर्भर भारत के आह्वान के बाद अपने प्रयासों को बढ़ाया है.
पिछले कुछ समय में भारत ने रक्षा क्षेत्र में कई अहम फैसले किए हैं. एमबीटी अर्जुन टैंक से लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल एजीटीएम का टेस्ट किया गया था. यह टेस्ट पूरी तरह सफल रहा था. इससे पहले अभ्यास हाईस्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट का बालासोर से सफलतापूर्वक टेस्ट किया जा चुका है.