December 11, 2024

3 समुदाय, तीन विद्रोह: मिडिवल जियो पॉलिटिक्स,

अभिनय आकाश

दो समुदाय आपस में भिड़े हैं। एक है मेतई समुदाय, दूसरा है कुकी। इन दो नामों को गौर से सुन लें क्योंकि इनका जिक्र पूरी स्टोरी में होने वाला है।
देश की उत्तर पूर्वी बेल्ट एक ऐसी जगह है जहां हम घूमने जाने का प्लान बनाते हैं। कसैली सच्चाई ये है कि इन घूमने जाने के प्लान के अलावा हमारी बातों में, हमारी जिक्रों में, फिक्रों में शामिल नहीं रहता। असम को अगर पूर्वोत्तर की आत्मा कहा जाता है तो मणिपुर को मुकुट कहते हैं। लेकिन भारत का ये मुकुट इन दिनों हिंसा की चपेट में झुलस रहा है। अखबारों के पन्नों को पलटे या फिर अपनी पसंदीदा न्यूज पोर्टल पर लॉग इन करें। संभावना है कि आपको मणिपुर के बारे में कुछ पढ़ने या देखने को मिल जाएगा। लेकिन सभी बुरी खबरें, मसलन, हिंसा, मृत्यु से जुड़ी हुई। मणिपुर पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों में से एक है। एक खूबसूरत सी जगह जहां हम घूमने जाना पसंद किया करते हैं। इस साल मई के बाद से स्थिति बेहद ही खराब हो गई हैं। दो समुदाय आपस में भिड़े हैं। एक है मेतई समुदाय, दूसरा है कुकी। इन दो नामों को गौर से सुन लें क्योंकि इनका जिक्र पूरी स्टोरी में होने वाला है। जहां मैतेई समुदाय का जोर चला वहां कुकी समुदाय ने पनाह मांगी…उनके घर, जमीन, कारोबार पर मैतेइयों का कब्जा हो गया और जहां कुकी समुदाय की बहुतायत रही वहां से मैतेई खदेड़े गए। दोनों ही जाति के लोग अपनी जीत की जंग में सब कुछ हार गए। ऐसे में इनका इतिहास और संस्कृति इस संघर्ष को समझने में की-फैक्टर साबित हो सकता, तो वहीं से शुरू करते हैं।

कितना पुराना है?

पहला अभिलेख 33 ईस्वी का है। स्रोत को चीथारोल कुम्बाबा कहा जाता है। हालाँकि यह 100 प्रतिशत विश्वसनीय नहीं है क्योंकि राज्यों के विद्वत्तापूर्ण विवरण से जुड़ा इतिहास है। आप इसे मिथक और इतिहास का मिश्रण कह सकते हैं। यह इतिहास मणिपुर में मैतेई साम्राज्य के बारे में बताता है। जिसकी कड़िय़ां पखांगबा राजवंश तक जाती है। मुंह में पूंछ को पकड़े हुए सांप वाला इसका प्रतीक काफी प्रसिद्ध है। हर कोई पखांगबा के वंशज शासकों से जुड़ा है। वे एक से अधिक देवताओं की पूजा करते हैं। इनमें से अधिकांश आज हिंदू हैं। लेकिन सनमहिज्म को मानते हैं। लेकिन इस क्षेत्र में वे अकेले नहीं हैं। दूसरे समुदाय नागा भी इसी ज़मीन को साझा करते हैं। यह समुदाय मणिपुर की पहाड़ियों में रहता है। वे आदिवासी हैं और समय-समय पर उन्होंने मेतई साम्राज्य पर हमला किया। यहीं पर इतिहास थोड़ा अस्पष्ट हो जाता है। मेतई राज्य, घाटियाँ, पहाड़ियाँ सब कुछ पर अपना दावा किया। लेकिन नागा इससे असहमत हैं। उनमें से कई कहते हैं कि पहाड़ी जनजातियाँ हमेशा स्वतंत्र थीं। आप कल्पना कर सकते हैं कि स्थिति कितनी जटिल है। पहाड़ी, घाटी, शासक और आदिवासी।

अंग्रेजों का आगमन

लेकिन यह प्रश्न और भी अधिक जटिल होने वाला था। लगभग 18वीं सदी के अंत में अंग्रेज़ आये। हमेशा की तरह वे काम पर लग गये। 1762 जय सिंह ऑफ मणिपुर साइन ने एक डील पर साइन किया। उन्हें बर्मा को हराने के लिए अंग्रेजों की सहायता की आवश्यकता थी। जिसे आज हम म्यांमार के नाम से जानते हैं। तभी अंग्रेजों ने एक योजना सोची कि क्यों न नए लोगों को लाकर मणिपुर में बसाया जाए।

इसके दो उद्देश्य थे

  1. ये आक्रमण में बर्मियों से बचाव करेंगे 
  2. ये नागाओं के आक्रमण से रक्षा करेंगे

बर्मा ने मणिपुर पर किया कब्जा

अंग्रेजों ने बर्मा की कुकू चिन पहाड़ियों से आदिवासियों को मणिपुर में बसाया। इस तरह राज्य की जनसांख्यिकी में मेतई, नागा और कुकी अहम हो गए। लेकिन ये सिलसिला यहीं थमा नहीं। बर्मी का मणिपुर पर आक्रमण जारी रहा और कुकी आते रहे। बर्मा ने 1819 से 1826 तक मणिपुर पर कब्ज़ा किया। इसे सात सालों की तबाही के दौर के रूप में रेखांकित कर सकते हैं। 1826 में बर्मा के साथ शांति समझौता हुआ। फिर बाद में मणिपुर ब्रिटिश शासन के तहत एक रियासत बन गया। 1890 में यहां महाराजा सूरचंद्र सिंह का राज था। उनके भाई कुलचंद्र सिंह युवराज थे जबकि एक अन्य भाई टिकेन्द्रजीत सिंह सेनापति थे। वक्त गुजरता रहा और 21 सितंबर 1890 को, टिकेंद्रजीत सिंह ने तख्तापलट का नेतृत्व किया, महाराजा सूरचंद्र सिंह को हटा दिया। 1891 में एंग्लो मणिपुर युद्ध छिड़ गया और इसमें अंग्रेंजों की जीत हुई। अंग्रेजों ने 5 साल के चूड़ाचंद को राजा घोषित कर दिया। यह मणिपुर के इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण था। अंग्रेजों ने राज्य में एक काल्पनिक रेखा खींच दी। मेतई घाटी और उससे आगे की पहाड़ियाँ औपनिवेशिक सरकार के अधीन आ गई।

नागा अंग्रेंजों की तरफ से और कुकी ने जंग लड़ने से किया इनकार

बाद में प्रथम विश्व युद्ध छिड़ गया। अंग्रेजों को सैनिकों की आवश्यकात थी। नागा लड़ने को तो राजी हो गए लेकिन कुकी ने इनकार कर दिया। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ अपना अभियान शुरू कर दिया। दो सालों तक ये लड़ाई चलती रही। बाद में ब्रिटिश इंडियन आर्मी को मैदान में आना पड़ा और फिर कुकी को जंगलों की ओर रुख करना पड़ा। घटित हो रही इन घटनाओं ने भी मणिपुर की जनसंख्यिकी पर अपना असर छोड़ा। कुकी समुदाय राज्य की आबादी का 28 प्रतिशत है। लेकिन वे पड़ाड़ी इलाकों में रहते हैं जो कि राज्य की आबादी का 90 प्रतिशत हिस्सा है। जबकि मेतई समुदाय की आबादी 53 प्रतिशत है। लेकिन वो राज्य के 10 प्रतिशत हिस्से में रहते हैं।

मणिपुर का भारत में विलय

जिन कुकी को मेतई के प्रोटेक्टर के रूप में लाया गया था। वो अंग्रेजों से नफरत करते थे लेकिन मेतई राजशाही से नहीं। मणिपुर के आखिरी राजा बोदरचंद्र सिंह चार कुकी बॉडीगार्ड्स के साथ सफर करते थे। आजादी के बाद चीजें तो बदली लेकिन उसके बाद की सरकारें ज्यादा कुछ कर पाने में पूरी तरह से असफल साबित हुई। 1949 में महाराजा बुद्धचंद्र को मेघालय के भारतीय प्रांत की राजधानी शिलांग में बुलाया गया, जहां उन्होंने विलय की संधि पर हस्ताक्षर किए, राज्य को भारत में विलय कर दिया। उसके बाद विधान सभा को भंग कर दिया गया और मणिपुर अक्टूबर 1949 में भारत गणराज्य का हिस्सा बन गया। लेकिन इस दौरान नागा विद्रोह शुरू हुआ। नागा समुदाय भारत से एक अलग देश की मांग कर रहे हैं। मेतई भी अपने पुराने राजशाही के दिनों को याद करने लगे। ऐसे में मेतई टू फ्रंट वार में लग गए। पहला भारत सरकार के खिलाफ और दूसरा नागा विद्रोही के साथ। कुकी अपनी अलग कुकी लैंड की मांग पर अड़े हैं। तीन समुदाय और तीन विद्रोह और एक दूसरे के प्रति घनघोर नफरत इस कहानी का सबसे बड़ा फैक्टर है।

मणिपुर का भूगोल

  • कुल भूभाग- 10% (मुख्य रूप से मेड़ती समुदाय -मेड़ती समुदाय, मणिपुर का सबसे बड़ा समुदाय है।

-मेड़ती राज्य की आबादी का लगभग 64.6% हैं (Source- Indian Express) – 90% हिस्सा पहाड़ी (राज्य की बाकी 35 फीसद आबादी की बसावट)

  • 35% आबादी के पास 90% जमीन

• 65% आबादी के पास 10% भूभाग

लगातार हिंसा की चपेट में रहा राज्य

31 दिसंबर 1993 से 13 दिसंबर 1994 तक 347 दिन तक राष्ट्रपति शासन लगा रहा। तब इसका कारण नगा और कुकी समुदाय के बीच हिंसा हुई थी। वह हिंसा लंबे समय तक चली, जिसमें सैंकड़ों लोग मारे गए थे। 18 जून 2001 को मणिपुर में हिंसा हुई। लोगों के घर और सार्वजनिक संपत्ति को आग के हवाले कर दिया गया। तब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। विपक्षी दलों ने वाजपेयी से मिलने का समय मांगा। अटल बिहारी वाजपेयी ने छह दिन बाद ही सर्वदलीय बैठक बुलाई। इतना ही नहीं, उन्होंने मणिपुर के लोगों से शांति की अपील की थी।

मेतई की दो बड़ी शिकायत

उन्हें लगता है कि उनकी संस्कृति और भाषा खतरे में है।

उन्हें लगता है कि म्यांमार से अवैध कुकी प्रवास के कारण राज्य की जनसांख्यिकी बदल रही है।

एसटी स्टेटस चाहते हैं मैतेई

यह मांग साल 2012 से जोर पकड़ रही है। इसे मुख्यतौर पर शेड्यूल्ड ट्राइब्स डिमांड कमिटी ऑफ मणिपुर (STDCM) उठाती रही है। असल में साल 1949 में मणिपुर के भारत में शामिल होने से पहले तक मैतेई को जनजाति माना जाता था। भारत में मिलने के बाद यह दर्जा छिन गया। हाल ही में हाई कोर्ट में जब एसटी का दर्जा देने का मामला उठा तो दलील दी गई कि मैतेई समुदाय की पैतृक भूमि, परंपराओं, संस्कृति और भाषा की रक्षा के लिए एसटी का दर्जा दिया जाना जरूरी है।

नागा और कुकी को क्या ऐतराज

नागा और कुकी दोनों जनजातियां एसटी दर्जे की मेइतेई मांग का विरोध कर रही हैं। उनका कहना है कि मेतई का संबंध शासक वर्ग से रहा है। उन्होंने सत्ता का मजा लिया है। ऐसे में कुकी समुदाय का कहना है कि उन्हें आरक्षण की जरूरत क्यों है। नतीजतन, राज्य में माहौल तनावपूर्ण है। इसके लिए आप किसी एक फैक्टर को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं। ये कई सारी समस्याओं का एक मिक्सर है। मीडिवियल जियो पालिटिक्स, औपनिवेश, भूगोल सभी ने इसमें थोड़ा-थोड़ा योगदान दिया है।

10cric

bc game

dream11

1win

fun88

rummy apk

rs7sports

rummy

rummy culture

rummy gold

iplt20

pro kabaddi

pro kabaddi

betvisa login

betvisa app

crickex login

crickex app

iplwin

dafabet

raja567

rummycircle

my11circle

mostbet

paripesa

dafabet app

iplwin app

rummy joy

rummy mate

yono rummy

rummy star

rummy best

iplwin

iplwin

dafabet

ludo players

rummy mars

rummy most

rummy deity

rummy tour

dafabet app

https://rummysatta1.in/

https://rummyjoy1.in/

https://rummymate1.in/

https://rummynabob1.in/

https://rummymodern1.in/

https://rummygold1.com/

https://rummyola1.in/

https://rummyeast1.in/

https://holyrummy1.org/

https://rummydeity1.in/

https://rummytour1.in/

https://rummywealth1.in/

https://yonorummy1.in/

jeetbuzz

lotus365

91club

winbuzz

mahadevbook

jeetbuzz login

iplwin login

yono rummy apk

rummy deity apk

all rummy app

betvisa login

lotus365 login

betvisa login

https://yonorummy54.in/

https://rummyglee54.in/

https://rummyperfect54.in/

https://rummynabob54.in/

https://rummymodern54.in/

https://rummywealth54.in/

betvisa login

mostplay login

4rabet login

leonbet login

pin up aviator

mostbet login

Betvisa login

Babu88 login

jeetwin

nagad88

jaya9

joya 9

khela88

babu88

babu888

mostplay

marvelbet

baji999

abbabet

Jaya9 VIP

Mostbet Login

MCW Login

Jeetwin Login

Babu88 Login

Nagad88 Login

Betvisa Login

Marvelbet Login

Baji999 Login

Jeetbuzz Login

Mostplay Login

Jwin7 Login

Melbet Login

Betjili Login

Six6s Login

Krikya Login

Jitabet Login

Glory Casino Login

Betjee Login

Jita Ace Login

Crickex লগইন

Winbdt App

PBC88 Affiliate

R777 Casino

Jitawin App

Khela88 App

Bhaggo Casino