नई दिल्ली. बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काशी कॉरिडोर की तर्ज पर बिहार में महाबोधि और विष्णुपद कॉरि़डोर के विकास की घोषणा की.
उन्होंने कहा – ‘पर्यटन हमेशा से हमारी सभ्यता का हिस्सा रहा है. भारत को वैश्विक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की हमारी कोशिश नई नौकरियां पैदा करेंगी और दूसरे सेक्टर्स में भी नए अवसर पैदा करेंगी. गया में विष्णुपद मंदिर और बोधगया में महाबोधि मंदिर बेहद महत्वपूर्ण स्थल हैं. हम दोनों ही जगहों पर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर कॉरिडोर का निर्माण करेंगे, जिससे ये वैश्विक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनें.’
बिहार के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल राजगीर में हॉट स्प्रिंग्स यानी गर्म पानी के कुंड को संरक्षित करने का काम किया जाएगा. नालंदा में पर्यटन को बढ़ाने पर काम करने पर भी जोर दिया.
साथ ही पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे, बोधगया-राजगीर वैशाली दरभंगा एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा. बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन का पुल भी बनाया जाएगा. इसके लिए 26000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
महाबोधि मंदिर का महत्व
बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर सबसे प्राचीन बौद्ध मंदिरों में से एक है. मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक ने तीसरी शताब्दी पूर्व में करवाया था. मंदिर की ऊंचाई 52 मीटर है, जिसमें भगवान बुद्ध की सोने से बनी मूर्ति स्थापित है. बोधगया में ही भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और इसलिए बौद्ध भिक्षुओं के लिए मंदिर और शहर पवित्र माना जाता है.
विष्णुपद मंदिर
गया में स्थित विष्णुपद मंदिर का पुनर्निर्माण 18वीं सदी में महारानी अहिल्यादेवी ने करवाया था, ऐसी मान्यता है कि यहां भगवान विष्णु के चरण सतयुग के समय से ही हैं.
पितृपक्ष के अवसर पर यहां देशभर से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. मान्यता है कि यहां पितरों के तर्पण के बाद मंदिर में भगवान विष्णु के चरणों के दर्शन से समस्त दुखों का नाश होता है.