नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), स्कूली बच्चों के लिए “युवा विज्ञानी कार्यक्रम” – युविका की घोषणा की है. इसरो का यह विशेष कार्यक्रम अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान में युवा छात्रों (जो हमारे राष्ट्र का भविष्य हैं) को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों पर बुनियादी ज्ञान प्रदान करने के लिए है. इसरो ने “कैच देम यंग” के लिए कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है. कार्यक्रम से अधिक छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) आधारित अनुसंधान/कैरियर में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने की भी उम्मीद है. 01 जनवरी, 2024 को कक्षा ‘9’ में भारत के किसी भी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र आवेदन करने के पात्र हैं.
विशेष कार्यक्रम के तहत प्रत्येक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र से न्यूनतम भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. इसरो के निम्नलिखित सात केंद्रों पर कार्यक्रम की योजना बनाई गई है –
भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस), देहरादून
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी), तिरुवनंतपुरम
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) श्रीहरिकोटा
यू.आर. राव उपग्रह केंद्र (यूआरएससी), बेंगलुरु
अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी), अहमदाबाद
राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी), हैदराबाद
उत्तर-पूर्व अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एनई-एसएसी), शिलांग
कार्यक्रम के तहत केवल चयनित छात्र की यात्रा के लिए व्यय वहन किया जाएगा. छात्र को संबंधित इसरो केंद्र से यात्रा के किराए की प्रतिपूर्ति के लिए यात्रा का मूल टिकट प्रस्तुत करना होगा.
संपूर्ण पाठ्यक्रम के दौरान पाठ्यक्रम सामग्री, आवास और भोजन आदि का वहन इसरो द्वारा किया जाएगा.