तेजपुरः (१४ जून २०१४) अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को असम में स्थायी रुप से रहने की व्यवस्था करने के साथ साथ भारतीय होने के प्रामाण पत्र भी मुहैया कराने में एक बड़ा गिरोह होने का दावा किया जा रहा है। जिसमें सरकारी गाँवबुढ़ा (मुखिया) भी सामिल है।
इसी एक गिरोह का पर्दाफास करने में तेजपुर पुलिस ने सफलता हासिल की है। गत २०१३ में दायर एक याचिका की छानबीन करते हुए लगभग डेढ़ साल बाद इस देशद्रोही गिरोह के दो युवकों को पुलिस ने धर दबोचा। ये दोनों युवकों के नाम हैं अब्दुल अजीज और बाबुल अली। अब्दुल अजीज तेजपुर का गुटलुंग नामक इलाके का सरकारी गाँवबुढ़ा है। पुलिस ने दोनो के पास से ढेर सारे प्रमाण पत्र की कॉपियों के अलावा सील-मुहरें भी बरामद की है। दोनो मिलकर लंबे अरसे से ब्रह्मपुत्र की टापुओं और तेजपुर शहर में शिक्षा के जाली प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, स्थायी निवासी प्रमाण पत्र, पंचायत प्रमाण पत्र आदि का कारोबार कर रहे थे। बाबुल अली ने बालिपारा महकमा के स्वास्थ्य अधिकारी के नाम से सील-मुहर का इस्तेमाल कर सैकड़ों लोगों को जन्म का प्रमाण पत्र दिया था। वह कई मदरसा और हाईस्कूल के जाली मार्क सीट तैयार कर बड़ी रकम के एवज में बेचा करता था और टापुओं में रहने वाले अवैध बांग्लादेशियों को जन्म प्रमाण पत्र और स्थायी निवासी प्रमाण पत्र मुहैया कराता था।
लोगों का मानना है कि यह तो सिर्फ एक गिरोह के दो लोगों की कहानी है। न जाने इस तरह की कितनी गिरोहें बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारतीय बनाने में सक्रिय हैं जिनके कारण अाज असम का अस्तित्व ही संकटासन्न है।
(साभार – दैनिक जनमभूमि (असमीया) १५ जून २०१४)