मुंबई. हवा में उत्सुकता की लहर है. लोगों में उत्साह की लहर है. और इसकी वजह है – छत्रपति शिवाजी महाराज के पौराणिक हथियार ‘वाघ नख’ की स्वदेश वापसी. मराठा सम्राट द्वारा उपयोग किया जाने वाला खतरनाक हथियार सदियों से, लंदन में एक म्यूजियम में रखा हुआ था. अब, सरकार के निरंतर प्रयासों के बाद वाघ नख देश में आ गया है. छत्रपति शिवाजी महाराज ने बीजापुर सल्तनत के जनरल अफजल खान को मारने के लिए ‘वाघ नख’ का उपयोग किया था.
महाराष्ट्र सरकार संस्कृति मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने वाघ नख के आगमन पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने इस दावे को खारिज कर दिया कि सरकार ने लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय से हथियार को महाराष्ट्र लाने के लिए कई करोड़ रुपये खर्च किए. उन्होंने बताया कि हथियार को वापस लाने में 14.08 लाख रुपये की लागत आई है.
लंदन में विक्टोरिया और अलबर्ट म्यूजियम के अधिकारियों से बातचीत की गई और इसके बाद छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाघ नख को भारत लाने का रास्ता साफ हुआ. ‘वाघ नख’ बुधवार को लंदन के एक संग्रहालय से मुंबई लाया गया. इसे पश्चिम महाराष्ट्र के सतारा ले जाया जाएगा. वहां 19 जुलाई से इसका प्रदर्शन किया जाएगा.
सतारा के संरक्षक मंत्री शंभूराज देसाई ने व्यक्तिगत रूप से छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम में सुरक्षा व्यवस्था की देखरेख की, जहां वाघ नख को अगले सात महीने के लिए प्रदर्शन के लिए रखा जाएगा. इसे बुलेटप्रूफ ग्लास में रखा जाना है और इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई है.
शंभूराज देसाई ने कहा, “वाघ नख की वापसी महाराष्ट्र के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा की बात है. हम सतारा में इसकी विरासत के अनुसार भव्यता के साथ इसका स्वागत करेंगे”.