उत्तराखंड में चारधाम तो है हीं अब पांचवें धाम के रूप में सैन्य धाम बनने जा रहा है। सैन्य धाम के निर्माण में शहीद सैनिकों के आंगन की मिट्टी का इस्तेमाल किया जाएगा। शहीदों के आंगन की मिट्टी को कलश में भरकर लाया गया है। उत्तराखंड के पांचवें धाम सैन्य धाम के लिए गंगाजल एकत्र करने का कार्य शुरू हो गया है. इसी कड़ी में उत्तरकाशी के मणिकर्णिका घाट और हरिद्वार के हरकी पैड़ी से गंगाजल का कलश भरा गया. जिसे देहरादून के लिए रवाना किया गया है. उत्तराखंड की पवित्र नदियों के जल का उपयोग सैन्य धाम की अमर ज्योति के निर्माण के लिए किया जाना है.अल्मोड़ा की जीवनदायिनी कोसी, सुयाल और रामगंगा नदी का जल संग्रहण कर कलश के माध्यम से सैन्य धाम देहरादून भेजा गया. राज्य की सभी प्रमुख नदियों से पवित्र जल एकत्र कर दो जुलाई को देहरादून पहुंचाया जाएगा. जल कलश पर नदी व घाटों के नाम अंकित होंगे. उत्तराखंड सैन्य बाहुल्य प्रदेश है, ऐसे में शहीदों के सम्मान में सैन्य धाम हर किसी के लिए गौरव की बात है.