इस साल कांवड़ मेले में भोले के भक्त कांवड़ियों का रेला उमड़ा. जिससे धर्मनगरी हरिद्वार भगवामयी हो गई. इसी बीच कांवड़ मेले की कमान संभाले ऑफिसर्स कई चुनौतियों से निपटते हुए मेले को सफल बनाने में लगे रहे. जिन्होंने कांवड़ियों की हर संभव मदद की, जिससे उन्हें परेशानियों का सामना ना करना पड़े.
कांवड़ मेले में लगभग 4 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगाजल लेकर अपने-अपने शहरों और शिवालयों की तरफ गए हैं. इसमें कोई दो राय नहीं कि पुलिस प्रशासन ने इस दौरान व्यवस्थाओं को बनाने और यात्रा को सफल करने के लिए दिन रात मेहनत की, लेकिन पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ट्रैफिक वॉलिंटियर्स ने कार्य किया।
कावड़ मेले में इस बार 4 करोड़ 7 लाख कावड़िये हरिद्वार पहुंचे. इस बार कावड़ मेला पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा. इस बार खराब मौसम के चलते धर्मनगरी हरिद्वार में आने वाले कांवड़ियों के साथ ड्यूटी कर रहे सभी आला अधिकारियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा. एक ओर धर्मनगरी हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र में आपदा जैसे हालात रहे. वहीं, दूसरी ओर कांवड़ियों के लिए व्यवस्थाएं बनान, दोनों ही पुलिस-प्रशान के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा.
इस बार भी कांवड़ मेले में जल पुलिस की मुख्य भूमिका में रही. जल पुलिस ने इस बार 64 कांवड़ियों को गंगा में डूबने से बचाया गया. इसकी मॉनिटरिंग खुद हरिद्वार के एसएसपी अजय सिंह द्वारा की जा रही थी. इसमें एसडीआरएफ का भी सहयोग मिला. वहीं इस बार के कांवड़ मेले में पुलिस ने 667 खोये लोगों को उनके परिजनों से मिलाया.