सब्जी बेचने के लिए निकला एक सामान्य मजदूर सनातन डेका को पांच लोगों ने घेर कर नृसंश हत्या की ।
कोई कितना क्रुर हो सकता हैं ।
किस प्रकार किसी ब्योक्ति के मन में घृणा हो सकती हैं ।
कोई कितना बिषधर हो सकता है ।
ऐसी भयंकर क्रूरता की दाशता यह हृदय विदारक घटना कहती हैं ।
दरअसल । कोरोना महामारी के इस आर्थिक संकट के दौर मैं पिछले कुस दिनों से सनातन डेका अपने परिवार की रोजी रोटी के लिये अपने घर में उत्पादित सब्जी को बेचने का काम शुरु किया था ।
हत्या के दिन सनातन सुबह सुबह सायकल से सब्जी बेचने जा रहा था ।
कुछ दूर जाने पर एक गांव से क्रास करते समय लजलिल अली और फैजुल हक की तेज रप्तार से आती गाड़ी से टकरा जाता है जिससे साइकल सवार सनातन डेका गिर जाता है ।
उसकी सब्जी बिखर जाती है
किंतु इसके प्रोति सहानुभूति तो छोड़िये चोरी और सीनाजोरी वे दोनों इस पर टूट पड़ते है ।
जैसे वे आज इसे खत्म करने ही आये है ।
वे सनातन डेका को लात -घुसो से बेदम पिटाई करने लगते है ।
हत्या की प्यास उन्हें इतने तक ही रहने नही देती ,
वे अपने दोस्तों को आवाज देते है उनकी आवाज पर तीन युवक खबिर अली युसुब अली और फिरजहाँन अली आते है ।
और फिर पाचो मिलकर
इस असहाय , निरपराध सनातन डेका की दिन दहाड़े बीच सड़क में ही हत्या कर देते है ।
इस जघन्य हत्या का दृश्य देखने वाले उसे बचाने का अथवा बीच -बचाव का प्रयास भी नही करते ।
कारण क्या है ? यह असम की आम जनता चाहती है ।
सनातन डेका का क्या अपराध था ?
उनसे उसकी कोई झगड़ा या जातीय दुश्मनी नही थी ।
उसने कोई अपराध भी नही किया था ।
इतनी बड़ी घटना भी नही थी
की उसकी की जाय । उसकी गलती भी नही थी . फिर सनातन डेका की हत्या क्यों हुई ?
सनातन डेका की हत्या के पीछे क्या कोई दिगर मंशा छिपि है ।?
क्या हत्या के पीछे कोई अदृश्य शक्तिया है ?
क्या हत्या के पीछे कोई षडयंत्रो है ।
यह समझना आबश्यक है ।
एक स्वाभिमानी असमिया जो कठिन से कठिन सघर्स के कालखण्ड में भी ।
अपने परिबार की रक्षा के लिये जीबन यापन का नया मार्ग चुनकर स्वाबलंबन के मार्ग पर बरनै का प्रयोन्त करता है ।
वह असमिया संस्कृति व कर्म कहि उसकी हत्या कारण तो नही ?
इस हत्या की डिसा पिछले दिनों सोसल मीडिया में वायरल होते समाचार की और इंगित करता है ।
डरअचल । कोरोना 19 के लकड़ाऊंन के समय एक समाचार वायरल हुआ था, कि
कुछ लोग सब्जियों में तथा नोट में थूक से कोरोना वाइरस फैला रहे थे ।
योह बिल्कुल जुट होगा ।
किन्तु इस सच से भी इंनकार नही किया जा सकता कि कुछ सिरफिरों ने बरे गर्व से ऐसे बीडियो डाले थे ।
सरकार कोई स्थानों पर एक्सन में भी आये थे ।
इस समाचार के बाद स्वभाबिक रूप से सामान्य जनता सब्जी लेते समय ।
परिसित ब्योक्ति को धुनना सुरु कर दिया था ।
वे विच्वासी ब्यक्ति से ही सब्जी लेने लगे ।
इसमे कोई दोष भी नही है ।और अनेक लोगो ने इसे प्रेरणा मानकर सब्जी बेसने का सुरु भी किया वे घर मे बैठे रहने से इस काम से ही थोड़ा आर्थिक कमाई करना चाहते थे इसके कारण अनेक लोग इस काम मे कूद गये इससे कुस लोगो को ताजी सब्जिया भी मिलने लगी । ऐसे समय मे मोनोपल्ली समझने वालों की दिशा में हत्या की सुई का नोका जाना लाजमी है । यह सच ना भी हो किन्तु इसका
छनबीन होना चाहिये ।
इस घटना से दुखी सनातन का शोकसप्त परिबार टूट गया है । वे स्टोम्भित है सम्भल नही पा रहे है । उन्होंने हत्यारों को फाँसी देने के लिये उचित कार्यवाही की मांग की है ।
इसी बीज हैजो पुलिस ने सनातन डेका के हत्या के मामले में 3 अभियुक्ततो को गिरफ्तार किया है ।
इस जघन्य हत्या कांड के विरोध में विष्व हिन्दू परिसद ,बजरंग दल सहित प्रदेश के आम जनता तथा सभी राजोनोइटिक पार्टियों ने हत्यारो को गिरफ्तार करने तथा हत्या के पीछे की मंछ स्पोस्ट करने के लिए सरकार व पुलिस प्रसासन से मांग की है ।