नीरज कुमार दुबे
रुश्दी के बारे में हम आपको जो बातें बता रहे हैं उसका खुलासा उन्होंने खुद बीबीसी को दिये एक साक्षात्कार में किया है। पिछले साल अगस्त में न्यूयॉर्क में हुए घातक चाकू के हमले के बाद रुश्दी ने पहली बार खुलासा किया है कि उन्हें किस प्रकार “भयावह सपने’’ आते हैं।
प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी जितना अपनी लेखनी के लिए जाने जाते हैं उतना ही विवादों से भी उनका गहरा नाता रहा है। इसके चलते तमाम इस्लामिक देशों में उन्हें गुनहगार की दृष्टि से देखा जाता है लेकिन रुश्दी को कभी इस बात का फर्क नहीं पड़ा। वह अपने विचारों, लेखनी और अपने इरादों के पक्के हैं और लंदन में ऐशो आराम की जिंदगी जी रहे हैं। हालांकि पिछले साल अमेरिका यात्रा के दौरान उन पर जो जानलेवा हमला हुआ उसने उनके जीवन को पूरी तरह बदल कर रख दिया है। हालात यह हो गये हैं कि अपनी पुस्तकों और अपने संबोधनों में बड़ी-बड़ी बातें करने वाले रुश्दी अब डरे डरे, सहमे सहमे और घबराये हुए रहते हैं। रुश्दी को भयावह सपने आते हैं और रात में सोते सोते वह चीख कर जाग जाते हैं। जानलेवा हमले ने उनके मन-मस्तिष्क पर ऐसा गहरा असर डाला है कि वह उबर नहीं पा रहे हैं और लगातार मनोचिकित्सकों की सहायता ले रहे हैं
सलमान रुश्दी ने खुद किया खुलासा
रुश्दी के बारे में हम आपको जो बातें बता रहे हैं उसका खुलासा उन्होंने खुद बीबीसी को दिये एक साक्षात्कार में किया है। पिछले साल अगस्त में न्यूयॉर्क में हुए घातक चाकू के हमले के बाद रुश्दी ने पहली बार खुलासा किया है कि उन्हें किस प्रकार “भयावह सपने’’ आते हैं। हम आपको याद दिला दें कि चाकू से किये गये हमले में लेखक की एक आंख की रोशनी चली गई थी और अब वह उस वारदात के बाद के मानसिक प्रभाव से निपटने के लिये चिकित्सकों की मदद ले रहे हैं। जो लोग रुश्दी के स्वास्थ्य की जानकारी पाने के लिए आतुर रहते हैं उनको बुकर पुरस्कार विजेता और 76 वर्षीय लेखक रुश्दी का बीबीसी को दिया गया साक्षात्कार देखना चाहिए।
हमलावर के बारे में रुश्दी की राय
साक्षात्कारकर्ता ने जब उनसे पूछा कि क्या वह उन पर हुए हमले के मामले की सुनवाई में शामिल होंगे तो उन्होंने कहा कि यदि हमलावर अपनी दलील में दोष को स्वीकार कर लेता है तो वास्तव में कोई मुकदमा नहीं चलेगा, केवल सजा होगी, और यह भी हो सकता है कि तब मेरी उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में दुविधा में हूं। मेरा एक मन वास्तव में अदालत जाकर खड़ा होने को करता है और उसे देखना चाहता है, जबकि एक मन करता है कि इन सब उलझनों में क्यों उलझना। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में “दुविधा” में हैं कि क्या उन्हें अपने हमलावर का सामना करना चाहिए, जिसने अदालत में खुद को निर्दोष बताया है। उन्होंने कहा है कि मेरे बहुत अच्छे चिकित्सक हैं जिनसे मैं राय ले रहा हूँ क्योंकि मुझे भयावह सपने आते हैं।
‘मिडनाइट चिल्ड्रन’ जैसी चर्चित किताब के लेखक और ब्रिटिश-अमेरिकी उपन्यासकार सलमान रुश्दी ने इस साक्षात्कार में यह भी कहा है कि हमलावर के बारे में मेरी राय बहुत अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा है कि मुझे लगता है कि अब मेरे लिए जो महत्वपूर्ण है वह यह है कि जीवन को कैसे आगे बढ़ाया जाये। मैं इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहा हूं।
खतरा पहले से मंडरा रहा था!
हम आपको याद दिला दें कि रुश्दी पर हुए हमले से दुनिया आश्चर्यचकित रह गयी थी लेकिन इस्लामिक जगत में उन्हें जिस नफरत के साथ देखा जाता है उसको देखते हुए इस बात का अंदेशा सभी को था कि एक दिन उनको निशाना बनाया जा सकता है। दरअसल रुश्दी की पुस्तक ‘‘द सैटेनिक वर्सेज’’ को लेकर ईरान के तत्कालीन (अब दिवंगत) सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खमनेई ने रुश्दी को मौत की सजा देने का फतवा जारी किया था। ऐसी ही प्रतिक्रियाएं कई और इस्लामिक देशों और इस्लामिक नेताओं ने जताई थीं।
हमले का विवरण
पिछले साल जब रुश्दी एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क पहुँचे तब 24 वर्षीय युवक हादी मतार ने लेखक पर जानलेवा हमला किया था। रुश्दी जब न्यूयार्क में एक कार्यक्रम में अपना संबोधन शुरू करने वाले थे, तब उन पर हमला किया गया था। इस तरह की रिपोर्टें सामने आईं कि हमलावर ईरान के ‘रेवोल्यूशनरी गार्ड’ के संपर्क में था लेकिन बाद में पूछताछ में उसने इस बात से इंकार करते हुए कहा कि उसने मुंबई में जन्मे लेखक सलमान रुश्दी पर हमले की घटना को अकेले अंजाम दिया। यही नहीं, हमलावर ने हमले में लेखक के जीवित बचने पर भी ‘‘हैरानी’’ जताई थी और कहा था कि वह उन्हें पसंद नहीं करता है। जेल में बंद हादी मतार ने ‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ से ‘वीडियो साक्षात्कार’ के दौरान कहा था कि वह रुश्दी के हमले में जीवित बच जाने के समाचार को सुनकर हैरान है। उसने कहा था कि जब उसे एक ट्वीट से पता चला कि लेखक चौटाउक्वा इंस्टीट्यूट में आने वाले हैं, तो उसने वहां जाने का फैसला किया। मतार ने समाचार पत्र से कहा था कि मुझे यह व्यक्ति पसंद नहीं है क्योंकि मुझे नहीं लगता कि वह बहुत अच्छा व्यक्ति है। उसने कहा था कि रुश्दी ऐसा व्यक्ति है जिसने इस्लाम पर हमला किया, हमारी आस्था पर हमला किया। मतार ने कहा था कि वह ईरान के दिवंगत सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खमनेई को एक ‘‘बहुत अच्छा व्यक्ति’’ मानता है, लेकिन वह यह नहीं कहेगा कि वह 1989 में ईरान में खामनेई द्वारा जारी किसी फतवे का पालन कर रहा था।
कितना नुकसान हुआ?
हम आपको यह भी बता दें कि हमले की चोटों के कारण रुश्दी का लीवर क्षतिग्रस्त हो गया, एक आंख की रोशनी चली गई और हाथ की तंत्रिका क्षति के कारण उनका हाथ लकवाग्रस्त हो गया। रुश्दी अब उस वारदात और उससे उबरने की प्रक्रिया पर एक किताब लिख रहे हैं। बीबीसी को डिजिटल रूप से दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि किताब “कुछ सौ पन्नों” से ज्यादा लंबी नहीं होगी। देखना होगा कि वह अपनी किताब में अपने और किन अनुभवों और भयावह सपनों में दिखने वाली किन-किन बातों का उल्लेख करते हैं।