नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवानों के बलिदान के बाद पूरे देश में बॉयकॉट चाइना की मुहिम तेज हो गई है. कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने 500 से ज्यादा चीनी उत्पादों के बहिष्कार की लिस्ट जारी कर दी.
भारतीय कारोबारी चाइना से व्यापार समाप्त कर रहे हैं. अलीगढ़ की कोड़िया लॉक एंड हार्डवेयर फर्म ने चाइना से 10 साल पुराना करार तोड़ते हुए अब भारतीय उत्पाद बनाने का फैसला लिया है. कारोबारी प्रदीप गर्ग व विनीत अग्रवाल ने 1991 में मोती मिल कंपाउंड में कोड़िया लॉक एंड हार्डवेयर फर्म की शुरुआत की थी. करीब 10 साल पहले चाइना की एक फर्म से उनका हार्डवेयर उत्पादों को लेकर करार हुआ था. जिसके तहत वह ट्यूबलर लॉक टेलिस्कोपी चैनल और ऑटो हिंजिस का माल मंगाते आए हैं. सालाना करीब पांच करोड़ से ज्यादा का कारोबार चाइना से होता रहा है. अब चाइना की हरकत को लेकर देशभर में गुस्से का माहौल है. ऐसे में फर्म ने चाइना से अपने व्यापारिक करार समाप्त कर दिया है. कारोबारी प्रदीप गर्ग ने बताया कि लॉक एंड हार्डवेयर के बाद ऑटो इंडस्ट्रीज में कदम रखा है.
2017 में डोकलाम प्रकरण के बाद से चीन से कारोबार समेटने का व्यापारियों का सिलसिला शुरू हो गया था. प्लस प्वाइंट बिल्ड्स वेयर प्राइवेट लिमिटेड के मालिक राजीव अग्रवाल ने बताया कि अलीगढ़ के मैन्युफैक्चरर्स को कई बार चीन ले गए और वहां की तकनीक व मशीनों की जानकारी दिलाई. दूसरे मैन्युफैक्चरर्स के राजी न होने पर वर्ष 2018 में तालानगरी में एक और फैक्ट्री बनाकर आधुनिक मशीन लगाईं. एक फैक्ट्री पला रोड पर पहले से ही है. दूसरी फैक्ट्री में उत्पादन शुरू होने के साथ ही चीन के कारोबारियों से दूरी बनाना शुरू कर दिया.
बिग-बॉस के फेम सिद्धार्थ शुक्ला टिक-टॉक बैन पर सरकार के साथ
सरकार ने टिक-टॉक सहित चीन के 59 एप को बैन कर दिया है. ज्यादातर सेलेब्स ने भी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है. अब समर्थन करने वाले सेलेब्स में सिद्धार्थ शुक्ला का भी नाम जुड़ गया है. बिग बॉस 13 फेम और फेमस टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला का कहना है कि उन्हें ये एप कभी पसंद नहीं था और ना ही उन्हें टिक टॉक वीडियो देखना पसंद था. जहां चायनीज एप्स में शामिल टिक टॉक को सरकार द्वारा बैन करने की बात है तो हां मैं सरकार के निर्णय के साथ हूं.
पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी टिकटॉक की ओर नहीं होंगे प्रस्तुत
भारत के न्यायवादी मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह कोई राजनीतिक या आपराधिक मामला नहीं है. 59 एप पर प्रतिबंध भारत की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है, ऐसे में वो भारत सरकार के फैसले के साथ खड़े हैं. उनका कहना है कि भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई शारीरिक खूनी झड़प के कारण वे भारत के साथ हैं.
भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने 59 एप्स पर केंद्र सरकार के प्रतिबंध लगाने के एक मामले में अदालत में टिकटॉक का प्रतिनिधित्व करने से इनकार कर दिया. रोहतगी ने कहा कि वह भारत सरकार के खिलाफ चीनी ऐप टिकटॉक के लिए प्रस्तत नहीं होंगे.