रिटायरमेंट के बाद कई लोग उदास से रहने लगते हैं, उन्हें लगता है अब किस तरह अपना दिन बिताएं, अब करने के लिए कुछ है ही नहीं. ऐसे में कई लोग अपनी रूचि अनुसार बागबानी, लेखन आरम्भ कर देते हैं. जो लोग अपनी रूचि अनुसार किसी कला में समय व्यतीत करते हैं उन्हें तनाव भी कम होता है. घर में वीणा जैसे वाद्य यन्त्र हों या रंगों की प्यारी तो आप तनाव से दूर रहते हैं.
ऐसा ही कुछ मुज़फ्फरनगर के 80 वर्षीय डॉ महावीर सिंह ने किया है. वह छात्रों को कला की बारीकियां सिखाते हैं वह भी निःशुल्क. वे अपने छात्रों को कम से कम रबर का प्रयोग कर एक ही बार में सही चित्र बनाने की सरलतम विधि बताते हैं.कलाकारों को रंगों का उपयोग समझाते हैं.
शहर की आदर्श कॉलोनी स्थित कमलांगन आर्ट गैलरी में छात्र कला की बारीकियां सीख रहे हैं। शिविर उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी एवं कलांगन के तत्वाधान में चल रहा है।
डॉ महावीर सिंह डीएवी डिग्री कॉलेज में कला विभाग के विभागाध्यक्ष रहे हैं। सेवानिवृत्त होने के बात छात्र छात्राओं को निशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं।