
21 जून, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में विश्व रिकॉर्ड बना. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग सत्र का नेतृत्व किया. इस अवसर पर 135 के अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने एक साथ योग किया. कार्यक्रम में सबसे अधिक अलग-अलग देशों के लोग उपस्थित रहे.
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के आधिकारिक निर्णायक और प्रवक्ता माइकल एम्प्रिक ने जानकारी दी कि – “आज एक योग सत्र में सबसे अधिक अलग-अलग देशों के लोग एक साथ योगा सेशन में शामिल हुए. यह एक नया विश्व रिकॉर्ड है. आज न्यूयॉर्क में सबसे अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपस्थित जनों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि योग का नाता भारत से है. सभी प्राचीन भारतीय परंपराओं की तरह, यह भी जीवंत है. योग कॉपीराइट से, पेटेंट से और रॉयल्टी भुगतान से मुक्त है. योग जीवन का एक तरीका है. ये स्वयं के साथ, दूसरों के साथ और प्रकृति के साथ सद्भाव से जीने का तरीका है. योग का अर्थ है जोड़ना. इसलिए आप एक साथ आ रहे हैं, ये योग के दूसरे रूप की अभिव्यक्ति है.
योग किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं. इसे कहीं भी किया जा सकता है. आप योग को घर पर, काम के दौरान भी कर सकते हैं. योग के लिए आपको किसी समूह की आवश्यकता नहीं है, आप इसे अकेले भी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि लगभग हर राष्ट्रीयता के लोग आज यहां उपस्थित हैं. मैं आप सभी को देखकर प्रसन्न हूं और यहां पर आने के लिए आप सभी का धन्यवाद करता हूं. करीब नौ साल पहले, यहां संयुक्त राष्ट्र में मुझे 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के संबंध में प्रस्ताव करने का अवसर मिला था.
21 जून को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 2015 में हुई थी. वर्ष 2014 के सितंबर में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में योग दिवस को लेकर प्रस्ताव रखा था. इसके बाद 11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य देशों ने इस पर सर्वसम्मति से सहमति व्यक्ति की. उस सहमति में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की स्वीकृति मिली.