शिमला. कांगड़ा एसडीएम कार्यालय में करीब 15 साल की बच्ची चेयर पर बैठ कर बड़ी संजीदगी में आए हुए लोगों के कामों को एसडीएम के मार्गदर्शन में निपटा रही थी। लोग हैरान थे लेकिन जब उन्हें पता लगा कि यह एक चपरासी की बेटी है और 10वीं में 94 फीसदी नंबर लेकर पास हुई है तो लोगों को गर्व हुआ।
अनिल कपूर अभिनीत नायक फिल्म ने आमजन के मनों पर गहरी छाप छोड़ी थी. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में भी कुछ इसी तरह की स्क्रिप्ट देखने को मिली. लेकिन इसका अंदाज व उद्देश्य भिन्न था. एक होनहार बेटी को प्रोत्साहित करने के लिए जिला के कांगड़ा उपमंडल के एसडीएम ने बोर्ड परीक्षा में 94 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाली हिना को एक दिन के लिए एसडीएम के रूप में कार्य देखने का जिम्मा दिया.
तोता राम एसडीएम कार्यालय में चपरासी के पद पर कार्यरत हैं. उनकी बेटी हिना ने 10वीं बोर्डी परीक्षा में 94 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं, तथा प्रदेश में 34वां स्थान हासिल किया है. एसडीएम के कदम का संदेश था – बेटियां किसी तरह से कम नहीं हैं. उनके इस निर्णय से हिना और उसके परिजनों को खुशी हुई.
एक दिन के एसडीएम के रूप में हिना ने कार्यालय के कर्मचारियों की बैठकें लीं, पूरे दिन के कामकाज की रूपरेखा बनाई. एक जमीन विवाद का मामला लंबे समय से एसडीएम कोर्ट में चल रहा था. केस में हिना ने अपनी राय दी और एसडीएम जतिन लाल ने हिना के फैसले को मॉडिफाई करके अंतिम फैसला सुना दिया.
हिना ने कहा कि एसडीएम की कुर्सी पर बैठकर बहुत गर्व अनुभव किया. यह उनके लिए सपने की तरह था. एसडीएम सर ने मुझे आईएएस अफसर बनने का सपना दिखाया है, मैं उसे पूरा करूंगी. आईएएस अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए बनते हैं. मेरा मानना है कि अवसर, शब्द और समय कभी वापस नहीं आते हैं.
एसडीएम, कांगड़ा जतिन लाल ने कहा कि मुझे मेरे दफ्तर के चपरासी ने बताया था कि उसकी बेटी ने दसवीं में 94 फीसदी अंक लिए हैं. मैंने सोचा कि बेटी को सम्मानित करूं. मैंने हिना को सम्मानित करने के लिए उसे दफ्तर बुलवाया. हिना ने कहा कि मैं आईएएस अफसर बनना चाहती हूं. फिर मैंने सोचा कि हिना को एक दिन की एसडीएम बनाऊं. ऐसा करने का मेरा मकसद बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान को बढ़ावा देना है, ताकि देश की हर बेटी अपराजिता बने.
एक दिन की एसडीएम हिना ने सुलझाई 12 समस्याएं
हिना ने एसडीएम कार्यालय में भी अपनी कुशलता का परिचय देते हुए एक दिन में 12 शिकायतों को निपटा डाला. साथ ही जमीनी विवाद का फैसला भी सुना दिया. 14 साल की हिना ठाकुर सुबह 11 बजे से एसडीएम कांगड़ा की कुर्सी पर बैठी और दिनभर का कामकाज देखा. एसडीएम जतिन लाल हिना के साथ मौजूद रहे. हिना ऑफिस की बैठकें एसडीएम के मार्गदर्शन में ले रही थी. साथ ही जो भी लोग समस्याएं लेकर पहुंच रहे हैं, उन्हें एसडीएम के मार्गदर्शन में सुलझा रही थी.
पिता भी बेटी को उच्च पदस्थ देखना चाहते हैं
हिना के पिता तोता राम ने एसडीएम के एक दिन के एसडीएम वाले निर्णय को सराहा. उन्होंने इसे प्रेरणा देने वाला कदम बताया. उनका कहना है कि उनको एसडीएम के इस कदम से दिली खुशी प्राप्त हुई है. वो अपनी बेटी को उच्च पदस्थ देखना चाहते है. उनकी बेटी अच्छी शिक्षा अर्जित करे और अच्छी नौकरी प्राप्त करे.