
किसान सम्मान निधि – तमिलनाडु में 5.38 लाख फर्जी खातों गई योजना की राशि, रिकवरी होगी
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में अभी तक का सबसे बड़ा घोटाला तमिलनाडु में सामने आया है. यहां योजना के तहत करोड़ों रुपये की राशि फर्जी किसानों के खाते में डाली दी गई. जिसके पश्चात आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है, साथ ही राशि की रिकवरी भी की जा रही है. पीएम किसान सम्मान निधि योजना में पात्रता न होने के बावजूद गलत तरीके से पैसे ले रहे हैं तो सरकार आपसे वसूली कर सकती है. गलत तरीके से प्राप्त राशि वापिस नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है. योजना के तहत किसानों को सलाना 6000 रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती है. पीएम किसान सम्मान निधि के तहत अब तक करीब 90000 करोड़ रुपये से अधिक किसानों के बैंक अकाउंट में डायरेक्ट भेजे जा चुके हैं.
योजना के सिस्टम में सेंध लगाकर तमिलनाडु के फर्जी लाभार्थियों ने करोड़ों रुपये निकाल प्राप्त कर लिये. घोटाले की जानकारी मिलने पर सरकार सक्रिय हुई तो अब तक 61 करोड़ रुपये वसूले कर लिए गए हैं.
तमिलनाडु में अब तक 5.95 लाख लाभार्थियों के खातों की जांच की गई है, जिसमें से 5.38 लाख फर्जी निकले हैं. ऐसे लोगों से सरकार वसूली कर रही है. उन्हें हर हाल में पैसे लौटाने होंगे. फर्जीवाड़े में कर्मचारियों और अफसरों पर भी कार्रवाई की गई है. 96 कांट्रैक्ट कर्मचारियों की नौकरी चली गई है और 34 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है. ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों व 5 सहायक कृषि अधिकारियों को निलंबित किया गया है. 13 जिलों में संविदा कर्मियों, दलाल, एजेंटों सहित 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
घोटाले की जानकारी राज्य सरकार को दी गयी तो सरकार ने जांच के आदेश दिए. जांच में पाया गया कि एग्रीकल्चर विभाग के अधिकारियों ने ऑनलाइन आवेदन अनुमोदन प्रणाली का उपयोग किया और कई लाभार्थियों को अवैध रूप से जोड़ा. मॉडस ऑपरेंडी में सरकारी अधिकारी शामिल थे, जो नए लाभार्थियों में जुड़ने वाले दलालों को लॉग-इन और पासवर्ड प्रदान करते थे और उन्हें 2000 रुपये देते थे.
इन लोगों को नहीं मिलता लाभ
केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को लाभ नहीं मिलेगा. पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले किसान भी इसके लाभ से वंचित होंगे. डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, वर्तमान या पूर्व मंत्री, मेयर, जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों को योजना से बाहर रखा गया है. यदि ऐसे लोगों ने लाभ लिया तो आधार अपने आप बता देगा. यदि किसी टैक्स देने वाले ने स्कीम की दो किस्त ले भी ली है तो वो तीसरी बार में पकड़ा जाएगा.