
कोरोना योद्धाओं पर हमला – राजापुर में जिहादी भीड़ ने पुलिस व स्वास्थ्य कर्मियों पर पथराव किया
राजापुर, मुंबई (विसंकें). कोरोना संक्रमित को उपचार के लिए अस्पताल ले जाने के लिए आए स्वास्थ्य कर्मचारियों तथा पुलिस टीम पर २००-२५० की जिहादी भीड़ ने पथराव कर दिया. यह घटना रत्नागिरी जिले के राजापुर तालुका में साखरी नाटे गाँव में बुधवार, २२ जुलाई को घटी. इस हमले में स्वास्थ्य कर्मी तथा पुलिस कर्मी घायल हुए हैं. घटना के बाद स्वास्थ्य कर्मियों में दहशत का माहौल है. कर्मियों ने सर्वेक्षण के लिए गाँव में जाने से इंकार कर दिया है. घटना के पश्चात गांव में सीआरपीएफ को तैनात किया गया है. पुलिस ने घटना में संलिप्त आठ लोगों को गिरफ्तार किया है.
रविवार, 19 जुलाई को गाँव में कोरोना के कारण एक महिला की मृत्यु हो गई थी. इससे पहले भी गांव में कोरोना संक्रमण के कारण मृत्यु हुई है. २० जुलाई को पंचायत के निर्णय अनुसार २१ जुलाई को आरोग्य अधिकारियों ने गाँव का सर्वेक्षण किया. भाजपा नेता अमजद बोरकर ने लोगों से अनुरोध किया था कि प्रशासन का सहयोग करें. बुधवार, २२ जुलाई को ५८ साल के एक रुग्ण व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के लिए आई एंबुलेंस तथा उसके आगे चल रही पुलिस की गाड़ी पर अचानक मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हमला कर दिया. गांव में कब्रिस्तान के समीप यह घटना घटी.
कोरोना संकट के कारण तय निर्देशानुसार मृतक के अंतिम संस्कार में केवल 20 लोगों के सहभागी होने की अनुमति है, लेकिन, बुधवार को एक मृतक के जनाजे में नियमों की अवहेलना करते हुए बड़ी संख्या में लोग कब्रिस्तान में एकत्रित थे. इसी भीड़ ने पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों पर हमला किया.
बताया जा रहा है कि गाँव के डॉक्टर ने १५-२० कोरोना संभावितों को जांच करने के लिए कहा था. पिछले कुछ दिनों से रत्नागिरी जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. राजापुर तालुका में भी यह प्रमाण अधिक है. साखरी नाटे मुस्लिम बहुल गाँव में पिछले सप्ताह से अनेकों को कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे थे. सरकारी अस्पताल में जाकर जांच करने से नागरिक इंकार कर रहे हैं. नाटे और साखरी नाटे दोनों गावों में कोरोना से बचने के लिए जनजागरण किया जा रहा है. घर से बाहर ना निकलें, लोगों से संपर्क में ना आएं, ऐसी सूचना दी जा रही है. परन्तु नागरिक सूचनाओं का पालन नहीं कर रहे. जांच करवाने से इंकार किया जा रहा है. मर जाएँगे पर जांच नहीं करेंगे, ऐसे उत्तर स्वास्थ्य कर्मियों को दिए जा रहे हैं.