रांची, 24 जून.
चित्रपट झारखंड द्वारा आयोजित तीन दिवसीय फिल्म महोत्सव का दूसरा दिन उत्साह पूर्ण व्यतीत हुआ. दूसरे दिन कुल 41 फ़िल्मों को प्रदर्शित किया गया. फिल्म प्रदर्शन का सिलसिला सुबह 10:00 से 12:00 तक एवं 3:00 से 5:00 तक चलता रहा. साथ ही फिल्म निर्माता, निर्देशक, कलाकार सभी अपनी फिल्मों को देखकर उत्साहित थे.
इस दौरान चित्रपट झारखंड के पदाधिकारी एवं सरला बिरला के समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे.
मुख्य फिल्मों में अधि विरोधी, आसामी, बंधा खेत, बीरूवा, चल भगत घर, क्रिस क्रॉस, दुखू, दीयों की दीपावली, एकांत डर के आगे जीत है, वर्क फ्रॉम होम, फौजी, गुलेल, हम एक हैं, हम कमजोर नहीं, हम ना नाचब, जनम हुरा, जीवन एक संघर्ष, काजल, लापरवाही, लौ, महात्याग, ए डिप्रेस्ड बॉय, दुपट्टा, कर्म योगी, नगम, रीमा, द डिलेमा इन लिविंग इन पॉवर्टी, महिलाएं मां जैसी कोई नहीं, डॉक्यूमेंट्री फिल्म एक बार तो आए झुमरी तलैया, महाकवि घासीराम महाली, रजरप्पा का रहस्य, सेक्रेड ग्रोव ऑफ़ हाथी केदा, संवेदना, सेरेंगसिया 1837 लॉस्ट इन द वैली, सुरेश्वर धाम, भविष्य का भारत इस फिल्म फेस्टिवल के दौरान तीन फिल्मों की श्रेणी में शॉर्ट फिल्म, कैंपस फिल्म, डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का प्रदर्शन किया गया.
फिल्म स्क्रीनिंग में डॉ. सुशील कुमार अंकन, डॉ रोज उरांव, शशिकला पौराणिक, शैलेंद्र भट्ट, अमित कुमार, मयंक मिश्रा, निव कच्छप, उषा एंजलेन बाड़ा, क्रिस्टीना किस्कू, मर्लिन कुजूर, नवीन सहाय, प्रदीप चौरसिया, प्रेम शर्मा, मानस तुलस्यान ने सहयोग किया. प्रत्येक फिल्म के निर्देशक को फिल्म स्क्रीनिंग होने के बाद प्रमाण पत्र से भी नवाजा गया.
फिल्म महोत्सव के दौरान फिल्म निर्माता एवं निर्देशकों के लिए सेमिनार का भी आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में फिल्म निर्माता निर्देशक अशोक शरण, रूपेश कुमार, पुलिन मित्र, नंद कुमार सिंह, डॉ. सुशील कुमार ने जिज्ञासाओं को शांत किया एवं उनके प्रश्नों का उत्तर दिया. मंच संचालन राकेश रमन जी ने किया.