नई दिल्ली. चीन में अल्पसंख्यकों विशेषकर उइगर मुस्लिमों का उत्पीड़न कोई नई बात नहीं है. इसी क्रम में चीनी सरकार ने धार्मिक समूहों की गतिविधियों पर नियंत्रण बढ़ाया है. 2021 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने धर्म के चीनीकरण का नारा दिया, यानि विभिन्न धार्मिक संगठनों को चीनी संस्कृति और समाज के रंग में ढाला जाए. इसी के चलते उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार बढ़े हैं. पिछले कुछ वर्षों में हजारों मस्जिदों को भी तोड़ा गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ताजा घटना में चीन के ह्युनान प्रांत के नागु में 14वीं सदी में बनी एक मस्जिद के गुंबद और मीनारों को गिराने की कोशिश हुई तो प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई.
कैनबरा के एक शोध समूह ‘ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट’ की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 के बाद से शिनजियांग में लगभग 8,500 मस्जिदों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है.
2020 में अदालत के आदेश के बाद पिछले सप्ताह मस्जिद के ऊपरी हिस्से को गिराने का काम हुआ. अदालत ने कहा था कि मस्जिद में हाल ही में एक गुंबददार छत और मीनार जोड़ना अवैध था और इसे हटाया जाना चाहिए. जब मस्जिद के कुछ हिस्से गिराने का काम शुरू हुआ तो स्थानीय लोगों ने नागु में विरोध जताया.
चीन में मस्जिदों का तोड़ना कोई नई बात नहीं है. मस्जिदों को तोड़ने का क्रम माओ त्से तुंग के शासनकाल में 1966 में प्रारंभ हुआ था. चीन ने लगातार शिनजियांग में मस्जिदों को या तो बंद कर दिया या पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है. अभियान के रूप में ये किया जा रहा है.
रिपोर्ट्स के अनुसार विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ने हाल ही के वर्षों में धार्मिक समूहों की गतिविधियों पर नियंत्रण बढ़ाया है. चीन एक नास्तिक देश है. धर्म पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी-माओवादी सिद्धान्त को मानती है.
हालांकि चीन की सरकार धार्मिक स्थलों को गिराए जाने की खबरों को खारिज करती आई है. चीनी अधिकारियों ने ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट पर चीन को बदनाम करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
शिनजियांग में इमाम आसिम दरगाह एक बड़ी दरगाह थी. 2015 तक यहां उइगर मुस्लिम नमाज पढ़ते थे. 2020 तक यह मस्जिद तोड़ दी गई. पिछले साल काशगर की इस मस्जिद में बार बना दिया गया. वहीं नानयुआन स्ट्रीट मस्जिद को 2018 में और ओर्डम मजार को 2019 में तोड़ा गया.
थिंक टैंक ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के अनुसार, शिनजियांग में 24 हजार में से 3 हजार मस्जिदें ही बचीं. रिपोर्ट में बताया गया कि 2017 के बाद से 30% मस्जिदों को ध्वस्त कर दिया गया. जबकि 30% किसी न किसी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं.
शिनजियांग प्रांत में 2018 में हलाल उत्पादों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था. अधिकारियों का कहना था वो शिनजियांग प्रांत में लोगों को ‘शिक्षित’ करने के लिए कैंप खोल रहा है. वहां के मुसलमानों की विचारधारा को बदलने के लिए ऐसा कर रहे हैं.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, शिनजियांग की राजधानी ऊरूम्ची में अधिकारियों का कहना था कि हलाल से धार्मिक और सेक्युलर जिंदगी के बीच फासला धूमिल हो जाता है. इसलिए हलाल चीजों के इस्तेमाल में कमी लाना चाहते हैं.
कम्युनिस्ट पार्टी चीन में पांच धर्मों को कानूनी रूप से तभी संचालित करने की इजाजत देता है, जब ये सभी धर्म चीन के “देशभक्त” संघों में शामिल हो जाएं. ये धर्म हैं – बौद्ध धर्म, दाओवाद, इस्लाम, कैथोलिक धर्म और प्रोटेस्टेंट ईसाई धर्म.
इन धर्मों के अलावा कई अन्य धर्मों के मानने वाले लोग भी हैं. चीन में लगभग 20 प्रतिशत आबादी बौद्ध धर्म को मानती है. ईसाई धर्म पिछले तीन या चार दशकों में सबसे तेजी से बढ़ता हुआ धर्म है. इस धर्म को मानने वाले लोगों में हर साल 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
इनपुट – मीडिया रिपोर्ट्स