जम्मू कश्मीर. ऐतिहासिक-धार्मिक महत्व और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात मानसर झील की तस्वीर जल्द बदलेगी. मानसर झील को अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों और श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए 200 करोड़ रुपये का एक प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. जम्मू संभाग में झील के विकास से पर्यटन क्षेत्र को विकसित करते हुए इसे आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पहल की गयी है.
केंद्र शासित प्रदेश के सांबा जिले में स्थित मानसर झील के धार्मिक महत्व को देखते हुए यहां मंदिर जीर्णोद्धार के साथ ओपन एयर थियेटर बनाने की भी योजना है ताकि झील का इतिहास विश्व के समक्ष आ सके. पर्यटन विभाग जम्मू की ओर से तैयार की गई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार अगले दो से तीन साल में प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. विभाग की ओर से डीपीआर केंद्र सरकार को सौंप दी गई है और उम्मीद है कि अगले बजट में सरकार प्रोजेक्ट के लिए धन स्वीकृत कर देगी.
मानसर झील का विकास क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोलेगा. दक्षिण भारत के केरल सहित अन्य स्थानों की तर्ज पर यहां वेलनैस सेंटर की स्थापना की जाएगी ताकि पर्यटक यहां कुछ दिन रूककर प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठा सकें. यहां योग व अध्यात्म के लिए विशेष केंद्र की स्थापना की भी योजना है. पर्यटकों को मानसर के इतिहास व महत्व के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यहां नियमित रूप से लाइट एंड साउंड शो का आयोजन भी किया जाएगा. इसके लिए डीपीआर में मानसर की पुरानी हवेली का जीर्णोद्धार करके यहां ओपन एयर थियेटर बनाने का प्रस्ताव रखा गया है.
मानसर झील को पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए प्रोजेक्ट की डीपीआर पर चर्चा हो चुकी है. जल्द ही इसके लिए राशि मंजूर होगी. जम्मू में रिंग रोड भी बन रहा है. ऐसे में वहां से भी गुजरने वाले पर्यटकों के लिए सांबा जिले में यह झील आकर्षण का केंद्र बनेगी.
‘‘यह प्रोजेक्ट हमने बहुत पहले शुरू कर लिया होता, लेकिन 2014 में जम्मू-कश्मीर में भूकंप आने से उत्पन्न हालात के कारण इस पर चर्चा नहीं हो सकी. उसके बाद हम देविका प्रोजेक्ट में जुट गए. अब हमने इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने का फैसला किया है. बहुत जल्द मानसर झील स्थानीय व विदेशी पर्यटकों का मनपसंद पर्यटन स्थल होगी’’. – डॉ. जितेंद्र सिंह, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री