भोपाल. भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय महामंत्री रवींद्र हिमते ने कहा कि भामसं के सभी प्रांतों एवं 40 महासंघों, 5778 यूनियनों के कार्यकर्ता 70 वर्ष के गौरवशाली इतिहास ग्राम से लेकर महानगरों तक पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाएँगे. इसके अंतर्गत 70 वर्ष के कार्य, आने वाले वर्षों में श्रमिकों को पूरी तरह से सक्षम बनाने के लिए भामसं के प्रयासों की जानकारी दी जाएगी. साथ ही पंच-परिवर्तन के विषय पर श्रमिकों के बीच पर्यावरण, कुटुंब प्रबोधन, समरसता, नागरिक कर्तव्य एवं स्वदेशी पर भी कार्य करेगा.
भारतीय मजदूर संघ 23 जुलाई, 2024 को अपने 70 वें वर्ष में पदार्पण कर रहा है. रवींद्र हिमते ने भोपाल में आयोजित पत्रकार वार्ता में पदार्पण समारोह के संबंध में जानकारी प्रदान की. पदार्पण समारोह में ठेंगड़ी भवन भारत माता चौराहा से लेकर रवींद्र भवन तक शोभायात्रा निकाली जाएगी. शोभायात्रा में हजारों कार्यकर्ता सम्मिलित होंगे. रवीद्र भवन में होने वाले उद्घाटन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य वी भागैय्या जी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे.
भारतीय मजदूर संघ की स्थापना 23 जुलाई, 1955 को हुई थी. संगठन की स्थापना श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी (प्रमुख चिंतक, अर्थशास्त्री) ने अपने कुछ साथियों के साथ भोपाल में अग्रवाल धर्मशाला में की थी. स्थापना के पश्चात पत्रकारों द्वारा श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी को सदस्य संख्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया था – एक सदस्य मैं हूं और दूसरे ईश्वर हैं. इसीलिए भामसं के कार्य को ईश्वरीय कार्य कहा जाता है.
स्थापना के समय भारतीय मजदूर संघ का ना कोई संगठन, ना कोई सदस्य, ना कोई धनराशि थी. लेकिन वैचारिक प्रबलता के आधार पर राष्ट्रहित- उद्योगहित -श्रमिकहित के त्रि-सूत्र को अपने कार्य का आधार बनाया. साथ ही दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्र हित में काम करने का निश्चय हुआ. भामसं श्रमिकों ने, श्रमिकों के लिए, श्रमिकों द्वारा चलाया जाने वाला संगठन होगा. स्थापना के पश्चात 12 वर्षों तक संगठन को देने के लिए श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी एव अन्य वैचारिक कार्यकर्ताओं के समूह ने देश भर में प्रवास कर कार्यकर्ताओं को जोड़ा. अगस्त 1967 में संगठन के प्रथम अधिवेशन में अनुभवी कार्यकर्ताओं को ज़िम्मेदारी सौंपी गई.
1967 से 1989 तक 22 वर्षों के कार्यकाल में श्रमिक जगत में अपने कार्य की नई उचाईयाँ स्थापित कीं और 1989 के श्रमिक सदस्यता सत्यापन में भामसं देश का सर्वाधिक सदस्यता वाला संगठन घोषित हुआ. आज 2024 तक 35 वर्षों से भारतीय मजदूर संघ सर्वाधिक सदस्यता वाला संगठन बनकर श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए अग्रसर है.
भारतीय मजदूर संघ का कार्य 28 प्रदेशों, 40 महासंघों, 5778 यूनियनों के माध्यम से देश भर में फैला हुआ है.
INTERNATIONAL LABOUR ORGANISATION के अंतर्गत होने वाली INTERNATIONAL LABOUR CONFERRENCE में विगत 35 वर्षों से भारतीय मजदूर संघ श्रमिकों का प्रतिनिधित्व कर रहा है.
विगत वर्ष देश को गौरवान्वित करने वाले G-20 सम्मेलन की अध्यक्षता भारत कर रहा था. G-20 के अंतर्गत L-20 की अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघ को देश का सबसे बड़ा संगठन होने के नाते प्राप्त हुई.
L-20 कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह पंजाब के अमृतसर एवं समापन समारोह बिहार के पटना में संपन्न हुआ. जन भागीदारी के तहत करीब 550 जिलों में कार्यक्रम संपन्न हुए. यह उपलब्धि भामसं की संगठनात्मक शक्ति को दर्शाती है.
आज विश्व के कई श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में कार्य करना चाहते हैं. अपनी वैचारिक भूमिका के कारण ही आगे बढ़ने का अवसर मिला है. भारतीय मजदूर संघ की कार्यप्रणाली में सामूहिक निर्णय प्रक्रिया ही उसकी सफलता का प्रमाण है.