धार. भूमि सुपोषण संरक्षण अभियान के अंतर्गत राजगढ़ के ग्राम विकास गतिविधि की टोली ने क्षेत्र के किसानों को पोषण युक्त, विषमुक्त खेती के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से धरती माता पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम कृषि उपज मंडी में संपन्न हुआ. कार्यक्रम का शुभारंभ गौ माता के पूजन एवं भारत माता, भगवान बलराम के चित्र पर पूजन से हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संत श्री 1008 अवधूत नर्मदानंद बापजी एवं विशेष अतिथि हुक्मचंद जी पाटीदार झालावाड़ ने दीप प्रज्वलन किया.
धरती माता पूजन उत्सव के माध्यम से किसानों को अपनी खेती बचाने के लिए विषमुक्त, पोषणयुक्त खेती हेतु प्रेरित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया, क्षेत्र के 65 से अधिक गांव में किसानों की बैठक कर 1500 से अधिक किसानों से संपर्क कर 800 किसान परिवारों का सशुल्क पंजीयन किया गया था.
जिसमें प्रथम चरण में पूजन सामग्री देकर अपने-अपने खेतों की मिट्टी निमंत्रित कर लाने का आह्वान किया था. दूसरे चरण में 4 जून को धरती माता पूजन उत्सव में जो किसान उस मिट्टी को कार्यक्रम स्थल पर लेकर आए, उस मिट्टी का सप्त नदियों के जल एवं पवित्र सप्त स्थानों की रज से अभिषेक एवं पूजन कर अपने घरों पर ले गए, तीसरे चरण में इस पूजित मिट्टी को किसान अपने खेतों में विसर्जित कर धरती माता के साथ श्रद्धा और अपनत्व के भाव से जुड़ेंगे.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित संत श्री 1008 अवधूत श्री नर्मदानंद बापजी ने आशीर्वचन में सनातन संस्कृति में धरती माता – गौ माता, भारत माता का महत्व उपस्थित किसानों को बताया. विशेष अतिथि पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित जैविक कृषक हुक्मचंद जी पाटीदार ने किसानों को अपनी खेती में होने वाले खतरों तथा उससे अपनी खेती को बचाने व सुरक्षित रखने, बीज सुरक्षित एवं फसल उत्पाद बढ़ाने के बारे में विस्तृत जानकारी दी.
कार्यक्रम के अंत में पंडित श्रीगिरिराज जी व्यास ने किसानों द्वारा प्रथम चरण में खेतों से निमंत्रित कर लाई गई मिट्टी का सप्त नदियों के जल से श्री भूमिसूक्त के मंत्रों से अभिषेक एवं पूजन कर धरती माता एवं भारत माता की आरती के साथ संपन्न करवाया. तथा इस मिट्टी को तीसरे चरण में अपने-अपने खेतों में विसर्जित करने का संकल्प करवाया.
पर्यावरण गतिविधि द्वारा देश में चलाए जा रहे ‘एक पेड़ देश के नाम’ अभियान में 10-10 बीज के पैकेट उपस्थित सभी किसानों को वितरित कर उसे पौधे के रूप में तैयार कर अगले वर्ष अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर में रामलला के प्रतिमा स्थापना के शुभ दिन अपने अपने खेतों पर लगाने का आह्वान किया गया.