विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र द्वारा असम प्रकाशन भारती में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। प्रेसवार्ता में विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री मा. श्रीराम आरावकर, अखिल भारतीय मंत्री मा. ब्रह्माजी राव, शिशु शिक्षा समिति, असम के अध्यक्ष डा. दिब्यज्योति महंत उपस्थित रहे। श्रीराम आरावकर ने मीडियाकर्मियों को सम्बोधित करते कहा कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की ओर से अभी मिजोरम और दमन दीव व लक्षद्वीप को छोड़कर भारत के सभी राज्यों के 645 जिलों में विद्या भारती का कार्य फैला हुआ है। 12,830 औपचारिक विद्यालय चल रहे हैं। संचालित स्कूलों में 65,760 मुस्लिम और 10,827 ईसाई मत को मानने वाले बच्चे पढ़ते हैं। इन स्कूलों में 29 लाख बच्चे अभी पढ़ रहे हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में 672 विद्यालय व 623 एकल विद्यालय व संस्कार केन्द्र संचालित हैं जिनमें 1,89,526 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। असम में 558 विद्यालयों में 1,55,804 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
विद्या भारती के कार्य की जानकारी प्रदान करते हुए श्रीराम आरावकर ने बताया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए विद्या भारती प्रयत्नशील रहती है, इसलिए पांच आधारभूत विषय शारीरिक शिक्षा, योग शिक्षा, संगीत शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया। गतिविधि आधारित शिक्षण व्यवस्था के माध्यम से बच्चे मनोरंजक व रचनात्मक रूप से शिक्षा प्राप्त करते हैं। समाज के साथ सतत संपर्क की दृष्टि से चार आयाम विद्वत परिषद, शोध, संस्कृति बोध परियोजना, पूर्व छात्र परिषद है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में श्रीराम आरावकर ने बताया कि यह भारत केन्द्रित शिक्षा नीति है। विद्या भारती प्रमुखता से शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए प्रयत्न कर रही है। संपूर्ण देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन, पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों का कार्य समय से पूर्ण हो इसलिए विद्या भारती शासन के साथ लगातार सम्पर्क व आचार्य प्रशिक्षण रही है।