राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि भारत शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में विकसित हो रहा है. जिसे रोकने के लिए तमाम विरोधी शक्तियां सामने आ रही हैं. यह वह शक्तियां हैं, जिन्हें उजाला पसंद नहीं है.
सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, विवेकानन्दनगर, सुलतानपुर के परिसर में आयोजित संघ शिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष (सामान्य व विशेष) के समापन अवसर पर सरकार्यवाह जी ने कहा कि देश की नवीन पीढ़ी को अपने देश के इतिहास, संस्कृति और विरासत से परिचित कराने की भी आवश्यकता है. जिससे प्रेरणा लेकर वह व्यक्तित्व निर्माण में योगदान दे सकें. भारत की इस मिट्टी में जन्मे सभी संत संप्रदाय के लोगों, सभी साधु संतों ने यही कहा है कि मनुष्य ठीक होना चाहिए.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सपना है कि देशभक्ति से ओतप्रोत समाज के लोग भारत के आध्यात्मिक चिंतन, जीवन मूल्यों की संस्कृति के आधार पर व्यक्तित्व निर्माण करें. कोई भी राष्ट्र कितने भी प्राकृतिक संसाधन से संपन्न हो, उनका प्राचीन इतिहास कितना भी भव्य हो, वहां के समाज में रहने वाले व्यक्ति में सेवाभाव नहीं है तो वह उन्नति नहीं कर सकता है. इसलिए एक-एक व्यक्ति के अंदर जीवन के उद्देश्य को लेकर अपने जीवन के आचरण, व्यवहार में उन मूल्यों को कैसे उतारना चाहिए, यह व्यक्ति निर्माण का कार्य संघ ने अपने हाथ में लिया है.
सरकार्यवाह जी ने कहा कि संघ ने समाज को संगठित करने का कार्य लिया है. समाज के अन्दर एक पुरुषार्थ, एक आत्मविश्वास को जागृत करने का कार्य संघ कर रहा है. अपना समाज हजारों वर्षों तक संघर्षरत रहा. दुनिया भर के आततायियों ने हमारी संस्कृतियों को नष्ट करने के प्रयत्न किये, लेकिन हमारा समाज सभी आततायियों से संघर्ष करने के पश्चात भी जीवित रहा, क्योंकि हमारा समाज पुरुषार्थी है. हमारा समाज भारत के जीवन मूल्यों के आधार पर आज भी जीवित है. हमारे समाज में समय-समय पर ऐसे महापुरुष अवतरित हुए, जिन्होंने समाज में व्याप्त कमियों को, दुर्बलताओं को, समस्याओं को दूर करने का प्रयत्न किया, समाज को दिशा दी, मार्गदर्शन दिया. संघ भी समाज परिवर्तन और व्यक्ति निर्माण के उद्देश्य से ऐसा ही कार्य कर रहा है.
उन्होंने अमृत महोत्सव की चर्चा करते हुए कहा कि भारत ने इस बार अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया है. भारत के लोगों में यह विश्वास जागृत हुआ है कि हम अपनी समस्याओं, चुनौतियों का डटकर सामना कर सकते हैं. वैश्विक महामारी कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत का निर्माण हुआ. दुनिया के सामने भारत ने एक उदाहरण स्थापित किया. भारत के वैज्ञानिकों ने इस महामारी से लड़ने के लिए वैक्सीन बनाई तो दुनिया की पीड़ा का एहसास करते हुए हमारे राष्ट्र ने सहयोग की भावना से विश्व भर को वैक्सीन दी. उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज के कुटुम्ब को तोड़ने का कुत्सित प्रयास चल रहा है. लेकिन हमारा हिन्दू समाज अब जागृत हो रहा है. वैचारिक संघर्ष की यह लड़ाई एक समाज की रक्षा का विषय है. इसलिए हिन्दू समाज को जागृत होना पड़ेगा.
उन्होंने इतिहास को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करने पर कहा कि शिवाजी महाराज ने हिन्दू साम्राज्य की स्थापना की तो इतिहास में यह बताया जाने लगा कि उन्होंने मराठा राज्य की स्थापना की है. जबकि शिवाजी ने एक बार भी मराठा राज्य नहीं कहा, बल्कि हिन्दू सम्राज्य का नाम दिया.
कार्यक्रम के अध्यक्ष सुलतानपुर गुरुद्वारा श्री गुरूसिंह सभा के महासचिव सरदार सुदीप पाल सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाला सबसे बड़ा संगठन है या देश दुनिया के लोगों में राष्ट्र की भावना से ओतप्रोत कार्यक्रमों को नियमित रूप से चलाता रहता है.
इससे पूर्व 21 मई से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षार्थियों ने सामूहिक रूप से प्रत्युत्प्रचलनम् प्रदक्षिणा संचलन, सामूहिक समता, दण्ड, दण्डयोग, व्यायाम योग, पद विन्यास, आसन, यष्टि की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम में क्षेत्र प्रचारक अनिल जी, प्रान्त प्रचारक रमेश जी, क्षेत्र कार्यवाह डॉक्टर बीरेंद्र जायसवाल, प्रान्त संघ चालक डॉक्टर निगम जी, गंगा समग्र के राष्ट्रीय मंत्री रामाशीष, क्षेत्र संघचालक वीरेंद्र पराक्रमादित्य, सर्वाधिकारी पृथ्वीराज सिंह विभाग संघचालक रामशंकर मिश्र रहे.