फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भारत एक अग्रणी देश है. इस संदर्भ में केंद्र सरकार ने फिल्म क्षेत्र के विकास के लिए जो एक बड़ा निर्णय लिया है, भारतीय चित्र साधना उसकी सराहना करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का आभार प्रकट करता है. जिस प्रकार तीव्रता से फिल्मों के निर्माण व वितरण का कारोबार बढ़ रहा था, उसके लिए एक छत के नीचे प्रशासनिक ढांचा समय की मांग था.
भारतीय चि़त्र साधना के अध्यक्ष प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि सरकार के नवाचारी कदम से न केवल संसाधनों की बचत होगी, प्रत्युत नवाचार और सृजनात्मकता को भी प्रोत्साहन मिलेगा. मनोरंजन, ज्ञान और सूचना वर्तमान युग के सामाजिक जीवन की अनिवार्यताएं है और यह प्रशासनिक कर्तव्य है कि कलात्मक अभिव्यक्ति को अधिक से अधिक उभारने के उपाय किये जाएं. फिल्म डिविज़न, फिल्म समारोह निदेशालय, राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार एवं बाल फिल्म समिति का विलय करके राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम बनाना समय की आवश्यकता थी. प्रो. कुठियाला ने कहा कि आत्मनिर्भर, विकसित व सम्पन्न भारत बनाने के लिए फिल्मों की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका है. भारतीय चित्र साधना को विश्वास है कि राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम फिल्मी कलाकारों एवं फिल्म निर्माण विशेषज्ञों को सहूलियत दे कर राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करने का कर्तव्य निभाएगा.
भारतीय चित्र साधना के ट्रस्टी और सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता अतुल गंगवार ने बताया कि सम्पूर्ण फिल्म जगत में केन्द्रीय सरकार के नवाचारी कदम से उत्साह का वातावरण बना है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि निगम बनने से उद्योग से जुड़े सभी प्रकार के विशेषज्ञों को न केवल काम करने की सहूलियत होगी, परन्तु उनकी व्यवसायिकता में भी उत्कृष्टता आएगी.
भारतीय चित्र साधना गैर-सरकारी संगठन है जो फिल्म निर्माण के क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षित व प्रोत्साहित करने का कार्य करता है. चित्र साधना का उद्देश्य भारतीय कला संस्कृति व मूल्यों पर आधारित फिल्मी सामग्री को बड़ी मात्रा में तैयार करवाना एवं अधिक से अधिक नागरिकों तक पहुंचाने का है. भारतीय चित्र साधना अपेक्षा करती है कि राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम में फिल्मों से सम्बन्धित विशेषज्ञों को अधिक से अधिक सहभागिता की व्यवस्था रहेगी. प्रो. कुठियाला ने कहा कि इस विषय पर चित्र साधना सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को अपने सुझाव भी प्रेषित करेगा.