विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा सस्थान की वार्षिक साधारण सभा में डॉ. पवन तिवारी पूर्वोत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री बनाऐ गये। नई कार्यकारिणी में अध्यक्ष डी राम कृष्ण राव, अखिल भारतीय संगठन मंत्री गोविन्द चंद्र महंत एवं अखिल भारतीय महामंत्री अवनीष भटनागर, सह संगठन मंत्री यतीन्द्र शर्मा व श्रीराम आरावकर बनाये गए। अखिल भारतीय कार्यकारिणी में गुवाहाटी से ब्रह्माजी राव मंत्री, अगरतला से डॉ. शंकर रॉय उपाध्यक्ष व कोकराझार से जज्ञावती बसुमतारी को सह मंत्री बनाया गया। विद्या भारती की अखिल भारतीय साधारण सभा का आयोजन झारखण्ड के रांची में हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर सर कार्यवाह व विद्या भारती के प्रभारी डॉ. कृष्ण गोपाल जी का मार्गदर्शन सभी को प्राप्त हुआ। पूर्वोत्तर राज्यों से प्रांत अध्यक्ष, संगठन मंत्री, मंत्री व संयोजक बैठक में सम्मिलित हुए। साधारण सभा में मिजोरम में विद्या भारती कार्य प्रारम्भ करने के लिए विचार हुआ।
डा. गोपाल ने कहा कि कोरोना के कारण पिछले दो वर्षों का कालखंड बच्चों के लिए संकटपूर्ण रहा। बच्चों का विकास एक निश्चित आयु में होता है परंतु कोरोना के कारण स्कूल बंद रहने से उनका मानसिक विकास रूक गया। जो समाज परिस्थिति व समय के अनुसार अपने को नहीं बदलता है वह दुनिया में आगे नहीं बढ पाता है। समय की मांग के अनुसार जो अपने को बदलने में सफल रहा वहीं समाज आज आगे बढ रहा है। विद्या भारती के स्कूलों को भी अपने आदर्श व मूल भाव को बनाए रखते हुए समय के अनुसार बदलने का प्रयास करना चाहिए। अपने विद्यालयों की स्थिति बदलनी होगी। उन्होंने कहा कि हमें यह ध्यान देना होगा की कोरोना के कारण जिन परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई वैसे किसी भी परिवार के बच्चों की शिक्षा बाधित न हों। जो शुल्क देने में सक्षम न हों उनकी भी चिंता करेंगे।
विद्या भारती के निवर्तमान अखिल भारतीय महामंत्री श्रीराम आरावकर ने कहा कि संस्थान की ओर से संचालित स्कूलों में 65,760 मुस्लिम और 10,827 ईसाई मत को मानने वाले बच्चे पढ़ते हैं। अभी मिजोरम और दमन दीव व लक्षद्वीप को छोड़कर भारत के सभी राज्यों के 645 जिलों में विद्या भारती का कार्य फैला हुआ है। 12,830 औपचारिक विद्यालय चल रहे हैं। इन स्कूलों में 29 लाख बच्चे अभी पढ़ रहे हैं।
विद्या भारती अखिल भारतीय साधारण सभा बैठक में 11 क्षेत्र 67 प्रांतों से 331 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। अखिल भारतीय अध्यक्ष डी. रामकृष्ण राव ने उद्बोधन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर बल देते हुए सभी से आग्रह किया की बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु अपने – अपने क्षेत्र में इसे लागू करें जिससे बच्चों के भीतर राष्ट्रीयता एवं अपनापन का भाव जगेगा। भारत केंद्रित शिक्षा ही हमें विश्व गुरु के रूप में प्रतिस्थापित करेगा।