
सावन में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए काँवन लाने में महिलाएं भी पुसरुषों से पीछे नहीं है। ऐसी ही एक महिला हैं मेरठ की राधा। राधा ने अकेले मेरठ से उत्तरकाशी की 450 किलोमीटर की यात्रा पैदल तय की। वह साल 2008 से हरिद्वार से जल भरकर सावन की शिवरात्रि पर मेरठ के बाबा ओघड़नाथ मंदिर में चढ़ाती हैं. इस साल पहली बार वह मेरठ से पैदल करीब साढ़े चार सौ किलोमीटर की यात्रा कर गोमुख से कांवड़ लेने के लिए उत्तरकाशी पहुंची हैं.
राधा अग्रवाल ने 2008 में कांवड़ लाना शुरू किया था. 2011 में पति की मृत्यु के कारण वी कांवड़ नहीं ला पाईं, लेकिन उसके बाद लगातार कांवड़ लाती रही हैं. उन्होंने बताया कि विभिन्न पड़ावों पर कांवड़ियों के लिए निशुल्क भंडारे के साथ रात्रि विश्राम की उचित व्यवस्था की गई है, जिससे कोई परेशानी नहीं होती है. वे प्रतिदिन पैदल चलकर 30 से 35 किलोमीटर तक की यात्रा तय करती हैं. उनका एक दस साल का बेटा है, जिसे उन्होंने ने अपनी मां के पास छोड़ा है.