असम क्षेत्र संघ शिक्षा वर्ग, द्वितीय वर्ष समारोह होजाई के गीताश्रम में आयोजित किया गया। 16 मई से आयोजित इस 20 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग में पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों से कुल 95 स्वयंसेवकों ने शिक्षार्थी के रूप में भाग लिया। आज के आयोजन में 800 से अधिक दर्शकों की उपस्थिति में शिक्षार्थीओं ने लगभग 45 मिनट का समय निकालकर संघ की विभिन्न शारीरिक गतिविधियों जैसे कि दंड, नियुध, यस्ति, व्यायाम-योग, आसन, सामूहिक समता आदि के प्रदर्शन किए। इस कार्यक्रम में प्रागज्योतिषपुर विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति और तेजपुर केंद्रीय विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग के पूर्व प्राध्यापक प्रोफेसर सिन्हा उपस्थित रहे। प्रो. सिन्हा ने अपने भाषण में कहा कि भले ही भारत भौगोलिक रूप से विभाजित हो गया हो लेकिन भूमि की सांस्कृतिक राष्ट्रवाद भारत को सदैव अखंड बनाए रखेगा। मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के असम क्षेत्र के बौद्धिक प्रमुख श्री तीर्थंकर दास कलिता (शंकर दा) ने अपने बौद्धिक प्रस्तुत किया मे स्पष्ट रूप से कहा कि भारत पहले से ही हिन्दू राष्ट्र है, इसकी घोषणा करने की जरूरत नहीं है, भारत का बच्चा-बच्चा जब अपने कर्तव्यों को सुचारू रूप से निभाएगा, तभी भारत समृद्ध होगा। 6 जून सुबह समापन समारोह कार्यक्रम के साथ वर्ग का आधिकारिक रूप से समापन होगा।