ठाणे में धर्मवीर आनंद दिघे कैंसर अस्पताल और त्रिमंदिर संकुल का भूमिपूजन
मुंबई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि कल मैं गुवाहाटी में था, आज यहां, कल फिर भुवनेश्वर, भला इतनी भागदौड़ किसलिए? तो ये शुभकार्य है, सत्य कार्य है, शिव कार्य है इसलिए. रोटी, कपड़ा और मकान की अपेक्षा आज शिक्षा और स्वास्थ्य की अधिक आवश्यकता है. इसके लिए समय आने पर घर बार तक बेचना पड़ता है. स्वास्थ्य सेवा सस्ते में और निकट उपलब्ध होनी चाहिए. आज यही कार्य यहां हो रहा है, इसीलिए ये शुभकार्य है. दूसरे के दु:ख को अपना मानकर जो संवेदनशील कार्य होता है, वही सत्कार्य है. अहंकार जिसमें नहीं होता, वही सत्कार्य है. इसके लिए एकांत में आत्मसाधना और लोकांत में परमार्थ सेवासाधना करनी चाहिए. प्राणिमात्र की सेवा ही शिवसेवा है, शिव भावना से की गई सेवा है, इसीलिए शिवकार्य है.
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से ७५ वर्षों तक हम दबाया जा रहा राष्ट्र हुआ करते थे, लेकिन इस शताब्दी में हम विश्वगुरू होंगे, ऐसी सभी की भावना है. सरसंघचालक जी रविवार को ठाणे में धर्मवीर आनंद दिघे कैंसर अस्पताल तथा त्रिमंदिर संकुल के भूमिपूजन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, दादा फाउंडेशन के दीपकभाई देसाई, केंद्रीय राज्यमंत्री कपिल पाटील, पालक मंत्री शंभुराज देसाई, जितो के अजय आशर और टाटा मेमोरियल के डॉ. शैलेश श्रीखंडे उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, मेरे गुरूवर्य आनंद दिघे के नाम से यह जीवंत स्मारक आज बनने जा रहा है, इसका मुझे अत्यंत आनंद हो रहा है. यह अत्याधुनिक अस्पताल ठाणे के लिए ही नहीं, बल्कि राज्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि स्वर्गीय आनंद दिघे द्वारा किए गए रुग्णसेवा कार्य का स्मरण करते हुए आज फिर बालासाहेब के ८०% समाज कार्य और २०% राजनीति के सिद्धांत पर शिंदे काम कर रहे हैं.
जितो के अजय आशर ने मान्यवरों का स्वागत किया और इस परियोजना की जानकारी देते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे जी की कल्पना और मार्गदर्शन के अनुसार हम इस अस्पताल का निर्माण करने जा रहे हैं. कोरोना काल में कोविड सेंटर चलाने के बाद स्थायी स्वरूप का कुछ कार्य हो, इसके लिए जितो एजुकेशनल एंड मेडिकल ट्रस्ट, दादा फाउंडेशन, ठाणे महानगरपालिका ने टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल की तकनीकी सहायता से अस्पताल बनाने का संकल्प लिया. साथ ही त्रिमंदिर के रूप में जैन, शैव और वैष्णव का एकत्रित मंदिर मन:स्वास्थ्य के लिए निर्मित किया जाएगा.
दीपकभाई देसाई ने दादा भगवान के विचारों को सबके सामने रखा और दादा फाउंडेशन द्वारा भारत में किए गए त्रिमंदिर संकुलों के निर्माण की जानकारी दी.
इस अवसर पर टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉ. शैलेश श्रीखंडे तथा आनंद दिघे की बहन अरुणाताई गडकरी का सम्मान किया गया.