बेंगलुरु. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया दिग्गज प्लेटफॉर्म ट्विटर को झटका दिया है. उच्च न्यायालय ने ट्विटर की याचिका को खारिज कर दिया. साथ ही कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. ट्विटर ने लंबे समय तक केंद्र के निर्देश का पालन नही किया तथा केंद्र सरकार के निर्देशों के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. अब इसी मामले में न्यायालय ने निर्णय सुनाया है. न्यायालय ने सुनवाई के पश्चात अप्रैल में निर्णय सुरक्षित रख लिया था.
केंद्र सरकार ने ट्विटर को फरवरी 2021 से फरवरी 2022 तक अलग अलग समय पर कुल 1474 ट्विटर अकाउंट्स को बंद करने, 175 ट्वीट्स को ब्लॉक करने और 256 URL और एक हैश टैग को बंद करने का निर्देश दिया था. सरकार ने यह निर्देश IT एक्ट 69A के तहत जारी किए थे. एक्ट के अनुसार, सोशल मीडिया के माध्यम से देश की संप्रभुता और एकता को ठेस पहुंचाने वाले संदेश को हटाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है.
ट्विटर ने इनमें से 39 URL को लेकर केंद्र सरकार के निर्देशों को न्यायालय में चुनौती दी थी और अपने तर्क में कहा कि ये नागरिक के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है. ट्विटर इंडिया ने जून 2022 में केंद्र के निर्देशों को कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. मामले पर दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार के आदेश को सही ठहराया है. साथ ही उच्च न्यायालय ने ट्विटर की केंद्र सरकार को दिशा निर्देश जारी करने की अपील को भी खारिज कर दिया. कहा कि IT एक्ट 69 (A) के तहत जारी आदेश को लेकर कोर्ट केंद्र सरकार को कोई गाइडलाइंस जारी नहीं कर सकता है.