
चंद्रयान-3 की सफलता के लिए इसरो को स्पेस फाउंडेशन का प्रतिष्ठित पुरस्कार
नई दिल्ली. भारत के अतंरिक्ष वैज्ञानिकों की प्रतिभा को संपूर्ण विश्व स्वीकार कर रहा है. विशेषकर चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग ने भारत का मान बढ़ाया है.
इसी क्रम में इसरो की चंद्रयान-3 मिशन टीम को अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए 2024 जॉन एल ‘जैक’ स्विगर्ट, जूनियर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यह अमेरिका आधारित स्पेस फाउंडेशन का शीर्ष पुरस्कार है. कोलोराडो स्थित स्पेस फाउंडेशन की वार्षिक अंतरिक्ष संगोष्ठी उद्घाटन समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया गया. ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत डीसी मंजूनाथ ने इसरो टीम की ओर से पुरस्कार प्राप्त किया.
स्पेस फाउंडेशन अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सूचना, शिक्षा और सहयोग प्रदान करता है. फाउंडेशन ने अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए चंद्रयान-3 मिशन टीम के चयन की घोषणा की थी. स्पेस फाउंडेशन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले पहले देश के रूप में, इसरो का मिशन चंद्रयान-3 मानवता की अंतरिक्ष अन्वेषण आकांक्षाओं को समझ और सहयोग के लिए नए क्षेत्रों तक विस्तारित करता है. स्पेस फाउंडेशन के सीईओ हीथर प्रिंगल ने कहा, अंतरिक्ष में भारत का नेतृत्व दुनिया के लिए एक प्रेरणा है. मिशन की तकनीकी-इंजीनियरिंग उपलब्धियां भी दुनिया को वैश्विक अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र में भारत के निर्विवाद नेतृत्व व सरलता को दिखाती हैं. उनकी उल्लेखनीय चंद्र लैंडिंग हम सभी के लिए एक मॉडल है. बधाई हो और हम यह देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकते कि आप आगे क्या करते हैं!
पहला देश बना भारत
भारत ने पिछले साल अगस्त में मिशन चंद्रयान 3 के तहत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर इतिहास रचा था और चंद्रमा के इस क्षेत्र पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था. भारत से पहले चांद के दक्षिणी ध्रुव पर किसी देश ने कदम नहीं रखा है.