रायपुर (विसंकें). नक्सलियों का विकास विरोधी चेहरा सबके सामने आ चुका है. सरकार व प्रशासन की सख्त कार्रवाई के पश्चात उनका साम्राज्य भी सिकुड़ता जा रहा है. अपने प्रभाव क्षेत्र को बचाए रखने के लिए, पुलिस – सुरक्षा बलों के मार्ग में बाधा उत्पन्न करने के लिए ग्रामीणों को हथियार बनाते हैं. सड़क-संपर्क मार्गों को बाधित करते हैं. और अपनी अपराध की दुनिया को बचाने का प्रयास करते हैं.
छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित सुकमा जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है. जिसने प्रशासन को भी हैरान कर दिया है. टोही ड्रोन कैमरे द्वारा ली गई तस्वीर में सैकड़ों लोग हाथों में कुदाल- फावड़ा लिए नजर आ रहे हैं, जो इस क्षेत्र में नक्सलियों के इशारे पर सड़क को काटकर क्षतिग्रस्त करने के लिए निकले थे. सड़क मार्ग बाधित होने से सुरक्षा बलों को आने-जाने में परेशानी होगी और नक्सली काफी हद तक खुद को सुरक्षित महसूस कर सकते हैं. नक्सलियों के रक्षक बने सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण फावड़ा, कुदाल लेकर सुकमा जिले के पालोड़ी कैंप के पास नाला पार करते हुए दिखे हैं.
एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि पालोड़ी कैंप के आगे यह लोग नक्सलियों के इशारे पर सड़क खोदने निकले थे. सुरक्षा बलों ने मौके पर पहुंचकर उन्हें ललकारा तो ग्रामीण वहां से भाग खड़े हुए. किस्टारम के आगे पालोड़ी में दो साल पहले सुरक्षा बलों का शिविर खुला है. इससे पहले यह क्षेत्र नक्सलियों के कब्जे में था.
क्षेत्र में जब से शिविर खुला है, नक्सली बेचैन हैं. इसके बाद से ही नक्सली क्षेत्र में ग्रामीणों को अपने प्रभाव में लेकर लगातार शिविर का विरोध कर रहे हैं. नक्सलियों ने ग्रामीणों को दबाव में लेकर सड़क खोदने के लिए भेजा था, लेकिन टोही ड्रोन कैमरे में तस्वीरें आने के बाद मौके पर सुरक्षा बलों के पहुंचते ही वे वहां से फरार हो गए. क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती से नक्सलियों को क्षेत्र में उनका प्रभाव समाप्त होने का भय सता रहा है, तस्वीर सामने आने के बाद क्षेत्र में तलाशी बढ़ा दी गई है. साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि ग्रामीणों को डराया धमकाया गया था या फिर वे स्वयं सड़क मार्ग तोड़ने के लिए पहुंचे थे.