राजस्थान के डूंगरपुर में शिक्षक भर्ती में अनारक्षित पदों को सामान्य अभ्यर्थियों के बजाय अनुसूचित जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित करने की मांग को लेकर कांकरी डूंगरी पहाड़ी पर 17 दिन से प्रदर्शन चल रहा था. प्रदर्शन करने वाले शिक्षक भर्ती के अनारक्षित 1167 पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग कर रहे थे, लेकिन पिछले तीन दिन से यह प्रदर्शन हिंसक और उग्र हो गया. 25 सितंबर को उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे पर प्रदर्शन अराजकता की हदें पार कर गया. प्रदर्शनकारियों ने हाईवे के 10 किमी तक के इलाके को कब्जे में ले लिया. डूंगरपुर सीमा के मोथली मोड़ पर भारी संख्या में पुलिसबल तैनात है. खेरवाड़ा से उदयपुर रोड पर ढाई किमी दूर टोल प्लाजा से सटे हाईवे पर देर रात तक पहाड़ियों से वाहनों पर पथराव हुआ. पत्थर राहगीरों को भी लगे. टायर भी जलाए. पिछले 40 घंटे के अंदर करोड़ों की संपत्ति फूंक डाली. मकानों में भी तोड़फोड़-लूटपाट की गई. 26 सितंबर की रात प्रदर्शनकारी डूंगरपुर के पास हाईवे पर स्थित श्रीनाथ सोसायटी में घुस गए. यहां उन्होंने कई घरों के शीशे तोड़ दिए. घरों के बाहर खड़ी बाइक और कार को आग लगा दी. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कुछ लोग बाइक पर आए थे, आंखों के सामने हमारी दुकान लूटकर ले गए. साथ ही वहां बने एक स्कूल में भी तोड़फोड़ की गई. 27 सितंबर सुबह से ही उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे के 10 किमी इलाके में तनाव बना हुआ है. उपद्रवी हाईवे और आसपास की पहाड़ियों पर डटे हैं.
इससे पहले, प्रदर्शनकारियों ने हाईवे पर बने होटलों और दुकानों में तोड़फोड़-लूटपाट की. 30 वाहनों में आग लगा दी. अब तक 700 उपद्रवियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है. पुलिस उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रही है. 700 लोगों को नामजद भी किया गया है. प्रदर्शन के दौरान 7 कंटेनरों सहित 30 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया.
जयपुर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा को स्पेशल ड्यूटी पर लगाया गया है. उपद्रवी लोगों ने जमकर उत्पात मचाया और बीते दो दिनों में कई वाहन डला डाले हैं. ज़िले में लगातार बने तनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र से रैपिड एक्शन फ़ोर्स मांगी है.
सामान्य तौर पर शांत रहने वाले क्षेत्र में इसके प्रमाण स्पष्ट देखने में आ रहे हैं, जहाँ जनजाति समाज बाहुल्य क्षेत्रों के सामाजिक सौहार्द को राजनीतिक महत्वकांक्षाओं की पूर्ति के लिए बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है. विरोध और प्रदर्शन के नाम पर ऐसी अराजकता शुभ संकेत नहीं है. सत्ता की राजनीति के लिए और केवल देश में हो रहे विकास कार्यों को बाधित करने के प्रयास में देशविरोधी ताकतें हमेशा से सक्रिय रही हैं. कभी आर्य द्रविड़ के नाम पर भेदभाव, कभी भाषाओं के नाम पर और कभी लोक संस्कृति की दुहाई देकर ऐसे अराजक तत्व विभाजन रेखा खींचने में लगे रहते हैं. कलुषित विचारधाराएं और स्वार्थी राजनीति देश में लम्बे समय से जनजातियों को हिन्दुओं से अलग बताकर न केवल झूठा प्रचार करती रही है, बल्कि उनके मन में नक्सल विचार और हिंसक भावना, अलगाववाद और अराजकता के बीज अंकुरित कर राजनीतिक फसल भी काटती रही है. नौजवानों को ऐसी देशविरोधी ताकतों के बहकावे और जाल में फंसकर क़ानून के खिलाफ और देश के विरोध में गलत कदम उठाने से बचना होगा. राजस्थान के डूंगरपुर में चलाए प्रायोजित अभियान को समय रहते रोकना होगा, अन्यथा इसके दुष्परिणाम ही निकलेंगे.