हाजोंगब़डी में स्थित विद्या भारती बहुमुखी शैक्षिक प्रकल्प के अमृत भवन का लोकार्पण समारोह सम्पन्न हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी जी ने अमृत भवन का लोकार्पण किया। प्रकल्प परिसर में पारिजात का वृक्षारोपण कर पर्यावरण का संदेश प्रदान किया। समारोह में विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री मा. श्रीराम आरावकर जी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के अध्यक्ष प्रो. गंगा प्रसाद परसाईं, शिशु शिक्षा समिति असम के अध्यक्ष डा. दिब्यज्योति महंत, विद्या भारती बहुमुखी शैक्षिक प्रकल्प के अध्यक्ष साचिंराम पायेंग मंचस्थ रहे।
सुरेश सोनी जी ने उद्बोधन प्रदान करते हुए कहा बच्चों के लिए पहला विद्यालय घर होता है व माँ प्रथम गुरू होती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य बच्चों को सामर्थ्यवान बनाना है। शिक्षा में समग्रता का चिंतन करते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा के आधार पर विचार करना चाहिए। संस्कार का भाव शिक्षण संस्थानों में आना चाहिए।
श्री राम आरावकर जी ने मार्गदर्शन प्रदान करते हुए कहा विद्या भारती शिक्षकों के अंदर भाव जागरण का कार्य करती है। शिक्षण क्रिया आधारित व समाज ज्ञान आधारित होना चाहिए। शिक्षा का उपयोग व्यक्तिगत हित से ऊपर उठकर समाज हित में करना चाहिए। शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु विद्या भारती निरंतर प्रयासरत है, इस हेतु शिक्षक प्रशिक्षण का कार्य भी लगभग पूर्ण हो चुका है।
अमृत भवन लोकार्पण समारोह के अवसर पर संघ परिवार के विभिन्न संगठनों के अखिल भारतीय, क्षेत्रीय व प्रांत स्तर के कार्यकर्ता उपस्थित रहे। भवन निर्माण कार्य सम्पन्न कराने वाले कार्यकर्ताओं का सम्मान मा. सुरेश सोनी जी ने किया। शिशु शिक्षा समिति असम के मंत्री कुलेन्द्र कुमार भगवती ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। समारोह में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति व प्रबुद्ध शिक्षाविदों की उपस्थिति रही।